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कोयापहाड़ी गांव को विकास की आस, आज तक नहीं पहुंचे 'माननीय'

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Published : Jan 3, 2021, 7:34 PM IST

दुमका झारखंड की उपराजधानी है. लेकिन आज भी यहां के कई गांव में सड़क और पानी की समस्या है. जिला के जामा प्रखंड के कोयापहाड़ी गांव तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क तक नहीं है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद से कई बार सड़क बनवाने की मांग की, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है.

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कोयापहाड़ी गांव विकास से कोसों दूर

दुमका:झारखंड की उपराजधानी दुमका में संथालपरगना प्रमंडल का मुख्यालय भी है. इसके बावजूद यहां के लोग सड़क, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. जिले के जामा प्रखंड के कोयापहाड़ी गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क तो दूर कच्ची सड़क भी आज तक नहीं बनी, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. बरसात के दिनों में यहां के लोगों को गांव से बाहर निकलना भी दूभर हो जाता है.

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क्या कहते हैं कोयापहाड़ी गांव के लोगइटीवी भारती की टीम ने जामा प्रखंड के कोयापहाड़ी गांव के लोगों से बात की. गांववालों ने बताया कि यहां की सड़क की स्थिति काफी बदतर है, जिससे आने जाने में काफी कठिनाई होती है. ग्रामीणों ने बताया कि बाइक से आने जाने में आए दिन दुर्घटना होते रहती है, बरसात के दिनों में तो यह परेशानी और बढ़ जाती है, गांव का अगर कोई बीमार पड़ जाता है या फिर किसी गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना होता है तो एक किलोमीटर पैदल चलकर पक्की सड़क तक पहुंचते हैं, क्योंकि कोई भी चार पहिया वाहन गांव तक नहीं पहुंच सकता. उन्होंने बताया कि मरीजों को गांव से 15 किलोमीटर दूर जामा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद सुनील सोरेन से भी कई बार मुलाकात कर सड़क बनवाने की मांग की, लेकिन अब तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. सांसद का घर भी कोयापहाड़ी गांव से छह किलोमीटर दूर है. ग्रामीणों ने इसे लेकर राज्य के सीएम हेमंत सोरेन को भी आवेदन दिया है.


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पानी की भी है समस्या
कोयापहाड़ी गांव में सड़क के साथ-साथ पानी की भी समस्या है. गांव में दो टोले हैं. एक टोले में दो चापाकल है, जबकि दूसरे टोले में एक भी चापाकल नहीं है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. उनका कहना है कि गांव में कम से कम दो चापाकल और होना चाहिए, ताकि पानी की सुविधा मिल सके.


क्या कहती हैं जिले की उपायुक्त
इटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले को लेकर उपायुक्त राजेश्वरी बी से बात की तो उन्होंने भी माना कि गांव में आज भी अच्छी सड़कें और पानी की व्यवस्था करना एक चुनौती है. उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की राशि से ग्रामीण क्षेत्रों में काफी कार्य हुआ, अब 15वें वित्त आयोग की राशि का आवंटन हो गया है, इस साल इन कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा.

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