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झामुमो ने किया साफ, स्थानीयता का उनका आधार 1932 का खतियान - शिबू सोरेन ने कहा है कि 1932 के खतियान को ही राज्य में स्थानीयता का आधार

झारखंड में एक बार फिर स्थानीयता का मुद्दा गरमाता नजर आ रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा है कि 1932 के खतियान को ही राज्य में स्थानीयता का आधार माना जाएगा. इससे पहले रघुवर सरकार में कट ऑफ साल 1985 था.

झामुमो ने किया साफ, स्थानीयता का उनका आधार 1932 का खतियान
हेमंत और शिबू

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Published : Jan 15, 2020, 6:21 PM IST

दुमकाः ऐसा लगता है कि स्थानीयता मुद्दे पर झारखंड की राजनीति गरमा सकती है. झामुमो ने इस पर अपनी नीति साफ कर दी है. वे स्थानीयता का आधार 1932 के खतियान को मानते हैं. पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और उनके छोटे पुत्र वसंत सोरेन ने दुमका में कहा कि 1932 के खतियान को ही स्थानीयता का आधार माना जायेगा. इससे यहां के मूलवासी को काफी फायदा होगा. जबकि रघुवर सरकार का स्थानीय होने का कट ऑफ साल 1985 था.

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क्या कहते हैं झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने कहा है कि जो पुराने निवासी हैं और जिनके पास खतियानी रैयत है उसे सभी प्रकार का हक मिलना चाहिए. 1985 ठीक नहीं है, 1932 ही होना चाहिए.

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क्या कहते हैं वसंत सोरेन

शिबू सोरेन के पुत्र और सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई वसंत सोरेन ने भी साफ कर दिया है कि स्थानीयता का आधार 1932 ही होगा. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने तानाशाही की है. उन्होंने कहा कि 1932 का आधार बनने से यहां के मूलवासी को काफी लाभ होगा. दुमका विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी बनने के सवाल पर वसंत ने कहा कि यह निर्णय पार्टी करेगी.

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