दुमका:झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने नारी शक्ति वंदन बिल को चुनावी लॉलीपॉप बताया है. दुमका कोर्ट में एक केस की पेशी के लिए आए मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि यह विधेयक तो अच्छा है, महिलाओं को सीट शेयरिंग का मौका मिलेगा पर अभी कुछ होने वाला नहीं है. क्योंकि इसमें अभी काफी अड़चन है. इसमें ना एसटी-एससी और ना ही अल्पसंख्यक आरक्षण क्लियर है. सरकार का यह लॉलीपॉप चुनाव में महिलाओं को रिझाने के लिए है. अभी यह होने वाला नहीं है.
मंत्री हफीजुल हसन ने नारी शक्ति वंदन विधेयक को बताया केंद्र सरकार का चुनावी लॉलीपॉप, कहा- बिल अच्छा पर इसमें अभी काफी अड़चन
देश की संसद में पेश महिला आरक्षण बिल को झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने लॉलीपॉप बताया है. उन्होंने कहा कि इस बिल से कुछ होने वाला नहीं है. क्योंकि इसमें एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के लिए कोई आरक्षण साफ नहीं किया गया है.
Published : Sep 20, 2023, 6:28 PM IST
जमीन विवाद के मामले में कोर्ट में हुए पेश:झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो हफीजुल हसन समेत आठ आरोपी जमीन विवाद से संबंधित दस साल पुराने एक मामले में आज बुधवार को एमपी एमएलए की विशेष अदालत में पेश हुए. एमपी एमएलए की विशेष अदालत सह अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी जितेन्द्र राम की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. देवघर जिले के मधुपुर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दाखिल परिवाद केस (पीसीआर) नंबर 441/2013 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री समेत आठ आरोपियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अखलाक अहमद ने पैरवी की. न्यायालय में दायर परिवाद पर आज आरोप के पहले साक्ष्य की प्रक्रिया के तहत गवहों का बयान दर्ज कराने के साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए अगली तारीख 4 अक्टूबर 2023 मुकर्रर की गयी.
ये है मामला:बचाव पक्ष के अधिवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार, देवघर जिले के मधुपुर की रहने वाली एक महिला द्वारा मधुपुर के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में भादवि की धारा 147, 323, 379, 384, 452 और 506 के तहत जमीन विवाद को लेकर पीसीआर दाखिल की गई है.
24 नवंबर 2013 को जमीन विवाद को लेकर हुई घटना के संबंध में दायर पीसीआर केस में मो हफीजुल अंसारी समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में सभी आरोपी पूर्व से जमानत पर हैं. बचाव पक्ष के अधिवक्ता के अनुसार, संबंधित मामले में दोनों पक्षों में सुलह हो गयी है और न्यायालय में पूर्व में ही संयुक्त रूप से सुलह पत्र दाखिल किया जा चुका है.