दुमका: जिले के गोपीकांदर प्रखंड के आधा दर्जन पहाड़िया बच्चों की दो महीने बाद घर वापसी हो गई है. इन छह पहाड़िया बच्चों में 05 नाबालिग लड़की और 01 नाबालिग लड़का हैं. इन्हें पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का एक एजेंट काम कराने के लिए विजयवाड़ा ले जा रहा था. हावड़ा रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने इन सबों को पकड़ लिया और वहां के बालगृह में आवासित कर दिया. जिसके बाद बाल कल्याण समिति ने हावड़ा के सीडब्ल्यूसी से संपर्क कर इन छह बच्चों की घर वापसी करवा दी है.
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क्या है पूरा मामला:दुमका बाल कल्याण समिति के अनुसार, एक राजनीतिक दल से जुड़े एहतेशाम अहमद नाम के व्यक्ति ने 15 दिनों पहले समिति को जानकारी दी थी कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का रहने वाला सादीकुल नाम के एक दलाल ने गोपीकांदर के पहाड़िया समाज के छह नाबालिग बच्चों के आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर उनकी जन्म तिथि बदल दी है और उन सभी को काम कराने के लिए विजयवाड़ा ले जा रहा है.
जिसके बाद हावड़ा स्टेशन पर इसकी जांच की गई, जांच में यह तथ्य पकड़ में आ गया. इसके बाद वहां की पुलिस ने दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और बच्चों को बालगृह में रख दिया. इधर, केस हो जाने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को लाने के लिए हावड़ा जाने से डर रहे थे.
दुमका बाल कल्याण समिति ने की पहल:बच्चों को लाने के लिए दुमका बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार ने हावड़ा सीडब्ल्यूसी और वहां के बालगृह के इंचार्ज से संपर्क किया. उन्होंने दुमका के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के माध्यम से सभी बच्चों का गृह सत्यापन करवाते हुए लीगल कागजात भिजवाए. बाद में इन सभी छह बालक-बालिकाओं के अभिभावक हावड़ा गये, जहां उन्हें बच्चों को सौंप दिया गया. हावड़ा सीडब्ल्यूसी ने 10 सितंबर तक सभी बालकों को दुमका सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत होने का निर्देश देते हुए घर पोर्टल पर यह सूचना अपलोड कर दी थी. इस निर्देश के अनुरूप पिछले दिनों गोपीकांदर की पांच नाबालिग लड़कियां और एक नाबालिग लड़का अपने अभिभावक के साथ दुमका सीडब्ल्यूसी के समक्ष उपस्थित हुए.
30 जून को दलाल के साथ गए थे सभी बच्चे: चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने सभी छह बच्चों और उनके अभिभावकों का बयान दर्ज करते हुए इस मामले की सुनवायी की. अपने बयान में इन लोगों ने बताया कि मुर्शिदाबाद का सादीकुल नाम का दलाल, गांव के दो लड़के और पांच लड़कियों को 30 जून 2023 को भवन निर्माण में काम करने के लिए विजयवाड़ा ले जा रहा था. वे सभी गांव से अमड़ापाड़ा और वहां से पाकुड़ गये. पाकुड़ से वे लोग ट्रेन से बर्धवान और वहां से हावड़ा रवाना हुए. जहां 01 जुलाई को हावड़ा स्टेशन पर पुलिस ने उन सब को पकड़ लिया.
जांच के बाद 18 वर्ष से अधिक आयु का होने के कारण एक को छोड़ दिया गया. लेकिन गांव की पांच लड़कियों और एक लड़के को वहां के चिल्ड्रेन होम में रख दिया गया. 24 अगस्त को सभी को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया. सभी कार्रवाई पूरी कर समिति ने बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ घर भेज दिया. ये सभी 14 से 17 वर्ष के हैं और ड्रॉपआउट हैं. समिति इन्हें पुनः शिक्षा से जोड़ते हुए इनके पुनर्वास के लिए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी दुमका को निदेशित किया है.