दुमकाः सरकार ने दुमका को उपराजधानी का दर्ज तो दे दिया लेकिन अबतक उपराजधानी के तौर पर विकसित नहीं कर पाई है. सौंदर्यीकरण के नाम पर चलाई जा रही योजनाओं पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए हैं लेकिन प्रशासन की लापरवाही और मॉनिटरिंग की कमी से लाखों की साजसज्जा बर्बाद हो रही है.
दुमका, पाकुड़ और साहिबगंज के मुख्य मार्ग पर जिले के व्यस्तम रिंगरोड पर संथाल हूल (आंदोलन) की नायिका और सिद्धो कान्हो की बहन शहीद फूलों और झानो के नाम पर चौक का नामकरण करते हुए प्रतिमा लगाई गई थी. प्रतिमा के चारों ओर सौंदर्यीकरण किया गया था. इसमें लाखों रुपये खर्च हुए लेकिन महज दो महीने में इसके चारों ओर लगी टाइल्स टूट चुकी है और इसकी स्थिति बदहाल हो गई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि ये प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही है.
शहर में हुए दुसरे सौदर्यीकरण का भी हाल बुरा