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दुमका: उप राजधानी के कई सरकारी भवन जर्जर, दहशत के साए में काम कर रहे कर्मचारी

झारखंड की उप राजधानी दुमका में कई सरकारी भवन जर्जर अवस्था में है, जिसमें स्कूल और कार्यालय चल रहे हैं. इन भवनों में काम करनेवाले कर्मचारी हमेशा डर के साए में जी रहे हैं. दुमका के विजयपुर गांव में जल संसाधन विभाग का अंचल कार्यालय है. इस भवन में जल संसाधन और सिंचाई विभाग के पांच कार्यालय संचालित हैं लेकिन यह भवन एक खंडहर बन गया है. इस भवन में लगभग सौ कर्मचारी काम कर रहे हैं, जो हमेशा डरे हुए रहते हैं.

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Published : Jun 10, 2020, 8:02 PM IST

Government office running in many Shabby buildings in dumka
जर्जर भवन में सरकारी कार्यालय

दुमका: जिले के कई सरकारी भवनों की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. वह कभी भी ढह सकते है, जिससे बड़ा हादसा होने की संभावना है. ऐसे सरकारी भवनों में काम करने वाले कर्मचारी भी हमेशा सहमे हुए रहते हैं. सरकारी कर्मचारी भी सरकार से बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि या तो पुराने भवन को तोड़कर नया भवन बनाया जाए या फिर ऑफिस को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए.

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क्या है पूरा मामला
बारिश का मौसम आ रहा है, ऐसे में उन जर्जर भवनों को नुकसान पहुंचने का ज्यादा खतरा बना रहता है. दुमका में कई ऐसे सरकारी भवन हैं जो जर्जर हो चुके हैं. उसकी स्थिति काफी बदतर है. इसमें काम करने वाले कर्मचारी मौत के साए में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

जर्जर भवन



जल संसाधन विभाग के अंचल कार्यालय भवन बना खंडहर
दुमका के विजयपुर गांव में जल संसाधन विभाग का अंचल कार्यालय है. इस भवन में जल संसाधन और सिंचाई विभाग के पांच कार्यालय संचालित हैं, लेकिन यह भवन एक खंडहर बन गया है. सभी कार्यालयों को मिलाकर लगभग एक सौ कर्मी इस भवन में काम कर रहे हैं. भवन की स्थिति इतनी जर्जर है कि उसके छत की ढलाई टूट- टूटकर नीचे गिर चुका है. छत का छड़ बाहर निकल चुका है. कई कमरों का खिड़की-दरवाजा भी ईंट लगाकर सटा दिया गया है. भवन का पिलर तक डैमेज हो चुका है.

सरकारी भवन का टूटा दरवाजा



क्या कहते हैं कर्मचारी
अंचल कार्यालय भवन में काम करने वाले कई कर्मचारियों ने बताया कि वो जैसे ही ऑफिस आते हैं तो मन में यह डर रहता है कि पता नहीं आज बचकर जाएंगे या नहीं, हमेशा उनके जान का खतरा बना हुआ रहता है. उन्होंने बताया कि इस जर्जर भवन की शिकायत उपायुक्त सहित कई वरीय अधिकारियों से की गई, लेकिन अबतक किसी ने पहल नहीं की है. वे कहते हैं नौकरी है, परिवार बच्चों का भविष्य है, इसलिए इस भवन में आना मजबूरी है.


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कई सरकारी विद्यालय के भवन भी जर्जर
दुमका शहर के बीचोबीच स्थित राजकीय कन्या इंटर स्तरीय विद्यालय की स्थिति भी काफी दयनीय है. हालांकि इस भवन में पढ़ाई बंद कर दी गई है और बगल के बिल्डिंग में स्कूल संचालित है, लेकिन जर्जर भवन अभी भी कैंपस में है और उसके अगल बगल छात्राएं दिनभर रहती है. अगर पुराना जर्जर भवन ढह जाता है तो बड़ा हादसा हो सकता है. जिले में 100 से अधिक भवनों को शिक्षा विभाग ने जर्जर घोषित किया है. इसमें से अधिकांश दूसरे विद्यालय में शिफ्ट हो गए हैं, लेकिन बदहाल भवन को गिराया नहीं गया है. स्कूल भवन के परिसर में ही जर्जर भवन के रहने से हादसे की संभावना बनी रहती है.



सरकारी आवासों की भी स्थिति खराब
दुमका में कई सरकारी आवास ऐसे हैं जिसकी स्थिति काफी जर्जर है. चाहे वह समाहरणालय के कर्मियों के लिए बना सरकारी आवास हो या फिर आना थाना परिसरों में बने आवास. दुमका जिले के मुफस्सिल थाना परिसर में पुलिसकर्मियों का जो क्वार्टर है वह अत्यंत जर्जर हो चुका है. इसके बावजूद पुलिसकर्मी उसमें रह रहे हैं जो कभी भी हादसे की वजह बन सकता है.


क्या कहती हैं उपायुक्त
जर्जर भवन के संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि हमने जर्जर भवनों की सूची बनाई है, जिन भवनों का मरम्मत हो सकता है उसको मरम्मत किया जाएगा लेकिन वैसे भवन जो बिल्कुल ही बदहाल हो चुके हैं, उसे हटाकर उसके स्थान पर नए भवन बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई चल रही है.


पुराने भवनों को हटाना जरूरी कहीं देर ना हो जाए
पुराने सरकारी भवन जो बिल्कुल बदहाल हो चुके हैं. उसे हटाना काफी आवश्यक है. कभी किसी दिन कोई हादसा हो जाए तो पछताने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा.

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