दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा में वन विभाग के द्वारा अवैध कोयला उत्खनन मामले में बड़ी कार्रवाई की जा रही है. पंचवाहिनी वन क्षेत्र में प्रशिक्षु वन पदाधिकारी प्रबल गर्ग द्वारा अवैध कोयला खदानों और सुरंगों को डोजिंग किया जा रहा है.
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दुमका में अवैध कोयला खदान पर वन विभाग की कार्रवाई में शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी उमेश राम के साथ भारी संख्या में महिला और पुरुष बल शामिल हैं. वन पदाधिकारी जेसीबी और पोकलेन लेकर पंचवाहिनी के फॉरेस्ट एरिया में पहुंचे हैं. वहां कोल माफियाओं ने जो अवैध रूप से खदान और सुरंग बना रखा है, उसे ध्वस्त किया जा रहा है. वन विभाग की कार्रवाई से जिला के कोयला माफियाओं में हड़कंप है.
पहले भी हुई है कार्रवाईः कुछ दिन पूर्व खनन टास्क फोर्स के द्वारा भी प्रखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में इस तरह की कार्रवाई की गई थी. लेकिन कोयला माफिया अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जैसे प्रशासन की कार्रवाई थमती है वे फिर से शुरू हो जाते हैं. इस कोयले के काले कारोबार से एक और जहां कोल माफियाओं को मोटी कमाई हो रही है. वहीं खनिज संपदा का अवैध रूप से दोहन हो रहा है.
रोजगार की कमी का हवाला देकर करते हैं धंधाः शिकारीपाड़ा के पंचवाहिनी, हरिनसिंगा वन क्षेत्र जहां कोयले का अकूत भंडार है, इस पर माफियाओं की बुरी नजर है. इसके लिए माफिया अगल-बगल के ग्रामीणों को मिलाकर अवैध रूप से कोयले का उत्खनन करते हैं. पिछले एक वर्ष में जब कभी प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने अवैध खदानों पर छापेमारी की तो कई बार ऐसा हुआ कि आसपास के ग्रामीण जुट गए और प्रशासन की टीम का विरोध करने लगे. वो इन क्षेत्रों में रोजगार की कमी का हवाला देकर इस कारोबार से जुड़ने की बात करते हैं. हालांकि प्रशासन के द्वारा ऐसे मामलों में एफआईआर कर कानूनी कार्रवाई की गई है. इसके बावजूद अवैध रूप से कोयला निकालने का धंधा बदस्तूर जारी है.