झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

दुमका में विश्व आदिवासी दिवस पर ट्राइबल फैशन शो का आयोजन, प्रतिभागियों ने पारंपरिक वेशभूषा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम किया पेश

दुमका में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर ट्राइबल फैशन शो और आदिवासी गीत संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस मौके पर आदिवासी समाज के युवाओं और महिला- पुरुषों ने अपनी संस्कृति की झलक पेश की.

Tribal Fashion Show on World Tribal Day
Tribal Fashion Show on World Tribal Day

By

Published : Aug 9, 2023, 8:24 PM IST

Updated : Aug 9, 2023, 9:08 PM IST

देखें वीडियो

दुमका: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कन्वेंशन सेंटर दुमका में ट्राइबल फैशन शो और आदिवासी गीत संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रमंडलीय आयुक्त लालचंद डाडेल और डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया. सभी अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर की.

यह भी पढ़ें:झारखंड आदिवासी महोत्सव: मोनिका मुंडू के गीतों पर झूमने लगे श्रोता, तालियों से गूंज उठा परिसर

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ट्राइबल फैशन शो रहा. जिसमें काफी संख्या में आदिवासी समाज के युवक युवतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सभी प्रतिभागियों ने आदिवासी संस्कृति, पर्व-त्योहार, रीति रिवाज, कार्यशैली के अनुसार पोशाक धारण कर उपस्थित लोगों के सामने अपनी प्रस्तुति दी. उन्होंने ट्राइबल फैशन शो के माध्यम से आदिवासी समाज के रहन-सहन, परंपरा और संस्कृति का विस्तृत चित्रण किया. इसमें व्रत-त्योहार के अवसर पर पहनने वाले पंची पड़हान लुंगी धारण कर बांसुरी बजाते नजर आये.

आदिवासी संस्कृति

वहीं खेतों और घरों में काम के दौरान हाथों में कुदाल, कुल्हाड़ी और सूप भी लेकर अपने को प्रदर्शित किया. इसके साथ ही आदिवासी समाज की छात्राओं ने संथाली भाषा के गीतों पर मनमोहक नृत्य कर समां बांध दिया. पहाड़िया समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा भी पहाड़िया सांस्कृतिक नृत्य कर अपने समाज के बारे में परिचय दिया गया.

आदिवासी युद्ध कला का प्रदर्शन

संथाल क्षेत्र के डीआईजी ने कहा- नशा, कुरीतियों से दूर रहें:संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि आज पूरी दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है. आदिवासी समाज का हमारी धरोहर को संरक्षित रखने में बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने आदिवासी संस्कृति को संजोए रखने, स्वाभिमान को जागृत करने और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए हमेशा एकत्रित होकर कार्य किया है.

आदिवासी वेश भूषा और रहन सहन

उन्होंने कहा कि नशा पान की वजह से कई सारी घटनाएं प्राय: होती रहती हैं. समाज को नशापान से मुक्त कराने में भी अपनी सहभागिता देना सुनिश्चित करें. इसके साथ ही समाज में डायन प्रथा, ओझा गुनी, जादू टोना जैसे कुरीति और अंधविश्वास हैं, उससे दूर रहें. उन्होंने कहा कि समाज के तमाम महिला, पुरूष और युवा वर्ग संकल्प लें कि अपनी सामाजिक व्यवस्था को विकास की दिशा में अग्रसर रखने के लिए बच्चों को उच्च शिक्षा अवश्य देगें.

आदिवासी महिलाओं के पोशाक

आयुक्त ने कहा- आदिवासी समाज के इतिहास को संजोए रखना जरूरी:इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त लालचंद डाडेल ने कहा कि हमारे जंगलों, पहाड़ों, प्राकृतिक संपदाओं की रक्षा आदिवासी समुदाय के लोग प्राचीन काल से ही करते आ रहे हैं. पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा करने में आदिवासियों का अहम योगदान रहा है. भारत की जनसंख्या का लगभग 09 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासियों का है.

आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति

उन्होंने कहा कि आदिवासियों की देशज ज्ञान परंपरा काफी समृद्ध है. आदिवासियों के पास डिजास्टर, डिफेंस और डेवलपमेंट का अदभूत ज्ञान है. आजादी के आंदोलन में आदिवासियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. चाहे धरती आबा बिरसा मुंडा की शहादत हो या वीर सिदो कान्हू, फूलो झानो या तिलका मांझी. आदिवासी दिवस के अवसर पर संकल्प लेना होगा कि हम आने वाले पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित बनायें ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रह सकें.

आदिवासी दिनचर्या की झलक
Last Updated : Aug 9, 2023, 9:08 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details