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दुमका में जमीन पर उतरने के बावजूद ड्रिप इरीगेशन योजना का नहीं मिला लाभ, लाखों का सामान बेकार - प्रधानमंत्री टपक सिंचाई योजना

सरकारी योजनाएं बनती तो हैं लेकिन कागज से धरातल पर उतरने में उसे काफी समय लग जाता है. धरातल पर उतरने के बाद भी वो लाभुकों तक सही से पहुंचे यह जरूरी नहीं. ऐसा ही कुछ हाल है दुमका में ड्रिप इरीगेशन योजना. योजना किसानों के खेत तक तो पहुंची लेकिन उसका लाभ किसानों को नहीं मिला.

drip irrigation scheme in dumka
drip irrigation scheme in dumka

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Published : Apr 26, 2022, 12:09 PM IST

Updated : Apr 26, 2022, 1:05 PM IST

दुमकाः केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार सभी किसानों की आय को बढ़ाने की बात कर रहे हैं. इसके लिए नई-नई योजनाएं किसानों के हित में लाई जा रही है. लेकिन योजना धरातल पर सही ढंग से उतर रही है या नहीं इसकी सही मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही. इसका नमूना दुमका में देखा जा सकता है. यहां ड्रिप इरिगेशन के लाखों के सामान महीनों से खेत में पड़े रह गए. किसानों को इसका लाभ नहीं मिला.

क्या है पूरा मामलाःसरकार किसानों के हित में कई कल्याणकारी योजना चला रही है ताकि किसान बेहतर तरीके से खेती कर सके. इसी में से एक योजना प्रधानमंत्री टपक सिंचाई योजना है जिसे ड्रिप इरीगेशन योजना भी कहते हैं. अभी जो किसान खेतों में सिंचाई करते हैं, उसमें पानी काफी मात्रा में खर्च होता है. इसमें पानी की भी बर्बादी भी होती है. कम पानी में ज्यादा से ज्यादा भूमि सिंचित हो सके इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री टपक सिंचाई योजना शुरू की गई है. इसमें कृषि विभाग के द्वारा किसानों के खेत में जाकर ड्रिप इरिगेशन का सारा सिस्टम इंस्टॉल करना है. एक सिस्टम इंस्टॉल करने में जितने की लागत होती है उसमें 90% सरकार का अनुदान होता है. पूरी योजना तो बहुत अच्छी है पर इसे सही ढंग से किसानों तक नहीं पहुंचाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर
केशियाबहाल पंचायत के खेतों पड़े हैं लाखों के सामानःदुमका जिले के सदर प्रखंड के केशियाबहाल पंचायत में प्रधानमंत्री टपक सिंचाई परियोजना के लाखों के सामान महीनों पहले लाए गए. इसे लगभग दो दर्जन किसानों तक पहुंचाना था, लेकिन यह सामान खेतों में ही रह गए. किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब तो बिना इस्तेमाल के ही सारे सामान रखे-रखे जर्जर हो चुके हैं.

क्या कहते हैं किसानःकिसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री टपक सिंचाई योजना में पानी की कम खपत होती है. कम पानी में ही बहुत सारे खेतों में सिंचाई की जा सकती है. योजना तो अच्छी है और यह हमारे गांव तक पहुंची भी पर अभी तक खेतों में इसे लगाया नहीं गया. जिस वजह से हमें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वे सरकार से इस पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं.

क्या कहते हैं कृषि विभाग के अधिकारीःइस संबंध में हमने संथाल परगना के संयुक्त कृषि निदेशक अजय कुमार सिंह से फोन पर बात की. उन्होंने भी माना कि प्रधानमंत्री टपक सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी उपयोगी है लेकिन केशियाबहाल पंचायत में इसके सारे सामान ले जाए गए तो उन्हें खेतों में क्यों नहीं सेट किया गया. मेरे स्तर से इसकी जांच कराई जाएगी.

Last Updated : Apr 26, 2022, 1:05 PM IST

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