दुमकाः जिला में कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को परेशान कर दिया है. इस बार में मरीजों की संख्या लगभग 1500 पहुंच चुकी है. जिसमें वर्तमान समय में 1134 मरीज इलाजरत हैं. साथ ही इस वर्ष 34 लोगों की मौत भी कोरोना से हो गई है. इससे निपटने के लिए फिलहाल फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड केयर हॉस्पिटल काम कर रहा है. साथ ही 5 कोविड केयर सेंटर हैं, जिसमें 615 बेड की व्यवस्था है.
दुमका के कोविड नोडल अधिकारी से खास बातचीत इसे भी पढ़ें- दुमकाः BDO ने चलाया मास्क जांच अभियान, कोरोना जांच के प्रति किया जागरुक
यह कोविड केयर सेंटर सदर प्रखंड के हिजला गांव, जामा प्रखंड के कमारदुधानी गांव, काठीकुंड के मधुबन और शिकारीपाड़ा के सरायदाहा में कार्यरत हैं. सबसे बड़ी बात यह रही कि इस वर्ष दुमका के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 8 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हुए. जिसमें एक चिकित्सक डॉ. राजीव कुमार की पटना में इलाज के क्रम में मौत हो गई. वहीं पांच अब ठीक हो चुके हैं और दो का इलाज अभी-भी जारी है. इन सब गतिविधियों को संचालित करने के लिए डॉ. रमेश कुमार को कोविड नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. ईटीवी भारत ने डॉ. रमेश कुमार से विस्तृत बात कर जाना कि कोरोना की क्या स्थिति है और इस पर काबू पाने के लिए क्या किया जा रहा है.
डॉ. रमेश ने 20 दिन पहले कोरोना की वजह से खोया अपना भाई
कहते हैं किसी के दर्द को वह ज्यादा महसूस कर सकता है जिसने खुद उस दर्द को महसूस किया हो. दुमका के कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. रमेश ने 20 दिन पूर्व ही अपने भाई राजेश कुमार को कोरोना की वजह से खो दिया. उनके भाई इलाहाबाद में एक विभाग में एकाउंटेंट थे और वहीं उनकी मृत्यु कोरोना से हुई. ईटीवी भारत ने डॉ. रमेश से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना से मौत की दर काफी कम थी, इस बार काफी संख्या में लोग काल की गाल में समा रहे हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग को गलत ढंग से किया गया है परिभाषित
डॉ. रमेश कुमार जैन कहा कि कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग या सामाजिक दूरी पालन करने की शुरू से सलाह दी गई. इस सोशल डिस्टेंसिंग को गलत ढंग से परिभाषित किया गया. यह ठीक है कि हमें कोरोना से बचने के लिए दूरी बनाना है, जब हम कोरोना मरीज का इलाज करते हैं, वहां उनके ट्रीटमेंट में इस बात का ध्यान देना है कि कहीं मरीज यह ना समझे कि हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है. ऐसा करने से वह डिप्रेशन में चला जाता है और अपने आप को अकेला महसूस करता है. कोरोना मरीज के इलाज में इस बात को विशेष ध्यान दिया कि बेहतर सुरक्षा मापदंडों का पालन कर उनका इलाज तो करें. साथ ही उनके दिल तक पहुंचने का प्रयास करें ताकि वह जल्द से जल्द ठीक हो.
इसे भी पढ़ें- दुमकाः मेडिकल कॉलेज में नहीं हो रहा कचरे का निष्पादन, हवा में घुल रहा जहर
कोरोना के इलाज के लिए हम मुस्तैद
डॉ. रमेश ने बताया कि दुमका में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए हम मुस्तैद हैं. यहां के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कोविड केयर हॉस्पिटल संचालित है. जिसमें ऑक्सीजन युक्त 145 बेड लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यहां 30 आईसीयू बेड भी हैं. हमारे यहां कोरोना की समुचित दवा खासतौर पर रेमडिसिवर इंजेक्शन भी मौजूद है. कुल मिलाकर कहा जाए तो कोरोना मरीजों के इलाज में हमारी तैयारी बेहतर है.
कोरोना से ठीक हो जाने वाले मरीजों का भी रखा जा रहा है ध्यान
डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में लगभग 300 मरीज ठीक हो चुके हैं. इन सभी मरीजों का ध्यान रखा जा रहा है. जो मरीज ग्रामीण क्षेत्र के हैं, वहां के स्वास्थ्यकर्मी या सहिया दीदी के माध्यम से उनका हालचाल लिया जा रहा है. साथ ही हमारे पास मरीजों के फोन नंबर भी हैं, हम फोन के माध्यम से भी उनसे उनका ध्यान रख रहे हैं.