दुमका: झारखंड सरकार ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधा के लिए कितनी उदासीन है, इसका अंदाजा आप दुमका के गोपीकांदर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को देख कर लगा सकते हैं. इस सीएचसी का निर्माण कार्य 2008 में शुरू हुआ था लेकिन आज तक इसका काम पूरा नहीं हो सका.
बदहाल है उपराजधानी का स्वास्थ्य केन्द्र, 11 साल में नहीं बन सका 350 करोड़ की लागत वाला अस्पताल
दुमका और पाकुड़ की सीमा पर अवस्थित गोपीकांदर प्रखण्ड में 2008 में 350 करोड़ की लागत से एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ. जिला परिषद द्वारा काम किया जा रहा था और इसे 2010 तक पूरा होना था, लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है.
दुमका और पाकुड़ की सीमा पर अवस्थित गोपीकांदर प्रखण्ड में 2008 में 350 करोड़ की लागत से एक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कार्य शुरू हुआ. जिला परिषद द्वारा काम किया जा रहा था और इसे 2010 तक पूरा होना था, लेकिन आज तक यह अधूरा पड़ा हुआ है.
आम जनता से जब इस बारे पूछा गया. तब लोगों ने काफी परेशानियां गिनाई. लोगों ने कहा कि हमें काफी असुविधा होती है. अगर यह अस्पताल चालू हो जाए तो हमें चिकित्सा के लिए दुमका सदर अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा.
जिला परिषद के उपाध्यक्ष असीम मण्डल ने बताया कि पहले यह काम हमारे विभागीय स्तर पर हो रहा था लेकिन कई तरह की परेशानी आई और काम पूरा नहीं हो पाया. अब इसके निर्माण का बचा हुआ कार्य पूरा करने के लिए टेंडर कर दिया गया है और 2-3 महीने में पूरा हो जाएगा.