दुमका: कर्नाटक के बेंगलुरु के कुंभलगुडू पुलिस स्टेशन के सीमा क्षेत्र में दुमका के दो आदिवासी महिलाओं को बंधक बनाने और उसके साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई है. यह मामला दुमका जिला प्रशासन तक पहुंचा गया है. जिले की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि हमें भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली है और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कारवाई की गई है.
क्या कहती हैं जिले की उपायुक्त
उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि कर्नाटक के बेंगलुरु में दुमका के जिन दो आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है, उसे लेकर बेंगलुरु सिटी पुलिस से संपर्क किया गया है, झारखंड पुलिस भी कर्नाटक पुलिस से समन्वय स्थापित कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि दोनों पीड़िता को मुआवजा दिया जा रहा है.
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दोनों पीड़िता का डिटेल प्राप्त कर वापस लाया जाएगा
डीसी राजेश्वरी बी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि दुमका की रहने वाली दोनों महिलाओं का सारा डिटेल प्राप्त कर उनके परिजनों को सूचित किया जाएगा, साथ ही उन्हें वापस दुमका लाया जाएगा.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक दुमका की इन दोनों महिलाओं को अक्टूबर 2019 में झारखंड से बेंगलुरु ले जाया गया था. इसके बाद उन्हें अगरबत्ती बनाने के एक कारखाने में ले जाया गया, जहां उन्हें कहा गया कि एक को सात हजार और दूसरी को नौ हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा. इन महिलाओं के अनुसार इन्हें तय मजदूरी का भुगतान कभी नहीं किया गया साथ ही साथ ठीक ढंग से भोजन भी नहीं दिया जाता था. 15 घंटे तक काम भी कराया जाता था, जब वह बीमार रहती थी तो भी काम करने के लिए मजबूर किया जाता था. इस शोषण से तंग आकर इन दोनों महिलाओं ने इसी साल जनवरी में कारखाने से भागने की भी कोशिश की थी, लेकिन ठेकेदारों ने उन्हें रेलवे स्टेशन के पास पकड़ लिया और वापस कारखाना ले गया. इसके बाद संजीव कुमार नामक एक शख्स ने दोनों की बेरहमी से पिटाई की, बाद में संजय और किरण नाम के दो लोगों ने एक महिला के साथ कारखाना परिसर में ही दुष्कर्म किया था. मार्च महीने में यह दोनों फैक्ट्री से भाग निकलने में सफल हुई. ऐसे में अली असगर नामक एक ठेकेदार ने उन्हें रहने की जगह और भोजन कराया, जिसके बाद अली असगर ने भी इनमें से एक महिला के साथ दुष्कर्म किया. लॉकडाउन के दौरान अली असगर ने इन्हें अपने घर से निकाल दिया. ये महिलाएं एक अर्द्ध निर्मित भवन मे ठहरी हुई थी तो कुछ लोगों की नजर उन पर पड़ी तो उन्हें थाना ले गए, जहां अपनी आपबीती सुनाते हुए कुंभलगुडू और केंगेरी थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई.