बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी दुमकाः बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को राजनीति से सन्यास लेने की दी सलाह दी है. पिछले दिनों पटना में विपक्ष की बैठक और नीतीश कुमार द्वारा विपक्षी एकता की कोशिश को लेकर किये जा रहे प्रयासों पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि मैं हैरान हूं कि वे भ्रष्टाचारियों को एकत्रित करने में लगे हैं, अगर मन नहीं लग रहा है तो राजनीति से सन्यास से ले लें.
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झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने नीतीश कुमार को राजनीति से संन्यास लेने की सलाह दी है. रविवार को दुमका परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मैं नीतीश कुमार का काफी सम्मान करता हूं, उन पर न तो परिवारवाद और न ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इसके बावजूद मुझे हैरानी इस बात की है कि वे भ्रष्टाचारियों को एकत्रित करने में लगे हैं. आखिर उनकी क्या मजबूरी है, क्या कमजोरी है, समझ में नहीं आता. आगे उन्होंने कहा कि अगर मन नहीं लग रहा है तो फिर राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए.
बाबूलाल मरांडी ने विपक्षी एकता की कोशिश पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये सभी दल भ्रष्टाचार से घिरे हुए हैं, इन पर परिवारवाद हावी है. करप्शन करने और पूर्व में किये गए भ्रष्टाचार से बचने के लिए ये एकत्रित हो रहे हैं. लेकिन जनता इनकी सच्चाई जानती है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं. प्रधानमंत्री ने अपने 09 वर्षों के शासनकाल में जिस तरह से जनता की सेवा की है.देश का मान सम्मान पूरे विश्व में बढ़ाया है, इससे पूरे भारतवासी काफी खुश है, वो दूसरे दलों के झांसे में नहीं आने वाले हैं.
ममता बनर्जी पर भी साधा निशानाः बाबूलाल मरांडी ने नीतीश कुमार के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई भी चुनाव बिना हिंसा के नहीं हो रहा है चाहे वह नगर निकाय का चुनाव हो या फिर पंचायत चुनाव. हर जगह स्थिति यह है कि तृणमूल के खिलाफ कैंडिडेट को खड़ा होने नहीं दिया जा रहा है. ममता बनर्जी किस मुंह से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी कर विपक्षी दलों की एकजुटता में अपने को शामिल कर रही हैं.
राज्य में भू-माफिया हावी- बाबूलालः भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में भू माफिया हावी हैं. खासतौर पर रांची, धनबाद, देवघर, बोकारो में इनका काफी बोलबाला है. उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी अधिकारी हैं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जमीन कारोबार से जुड़े हुए हैं, वे भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं. यह सब देखकर कहा जा सकता है कि सब कुछ मुख्यमंत्री के इशारे पर चल रहा है.