दुमकाः पारितोष सोरेन के जिलाध्यक्ष बनने के बाद, जिला बीजेपी में कई गुट बन गए थे. इस गुटबाजी की अटकलों पर ब्रेक लग गया है. नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने पूर्व के पांच जिलाध्यक्षों के साथ प्रदेश बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभयकांत प्रसाद और पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी के साथ प्रेस कांफ्रेंस किया. पारितोष सोरेन ने कहा कि संगठन में कोई गुटबाजी नहीं है. वरीय कार्यकर्ताओं के अनुभव का लाभ लेकर संगठन और पार्टी को मजबूत करेंगे.
दुमका बीजेपी में गुटबाजी की अटकलों पर ब्रेक, कहा- साथ मिलकर करेंगे संगठन को मजबूत - Former state BJP president Abhaykant Prasad
दुमका में बीजेपी में गुटबाजी की अटकलों को दरकिनार करते हुए पार्टी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने पूर्व के पांच जिलाध्यक्षों के साथ मिलकर प्रेसवार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि हम सब साथ साथ हैं.
पारितोष सोरेन ने कहा कि सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन पर चलकर पार्टी को जिले में सर्वश्रेष्ठ स्थान दिलायेंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दुमका लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. जिसपर लगातार जीत कायम रखना है. वहीं, जिले में चार विधानसभा सीट हैं, जो हमारे पास नहीं हैं. इन चारों सीटों पर बीजेपी की जीत पक्की करनी है. इसको लेकर संगठन पर अभी से काम करना शुरू करेंगे. बता दें कि दुमका भाजपा जिलाध्यक्ष के तौर पारितोष एक सप्ताह पहले नियुक्त किए गए हैं. इससे पहले पारितोष सोरेन 2019 के विधानसभा चुनाव में शिकारीपाड़ा से बीजेपी प्रत्याशी थे, लेकिन उन्हें झामुमो के नलिन सोरेन ने हराया था.
पहली बार बीजेपी का जिलाध्यक्ष आदिवासी
यह पहला मौका है जब किसी आदिवासी चेहरे को बीजेपी ने दुमका में जिलाध्यक्ष बनाया है. जिले के लोकसभा सीट और विधानसभा के चार सीट में तीन सीट एसटी के लिए रिजर्व है. बीजेपी सामाजिक समीकरण का साधने को लेकर अब तक गैर आदिवासी को ही जिलाध्यक्ष बनाती रही है, लेकिन इस बार भाजपा ने नया कार्ड खेलते हुए संथाल समुदाय से आने वाले पारितोष सोरेन को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है.