दुमका: दुमका जिले के जरमुंडी प्रखंड में दिव्यांग लड़कियों के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ (Divyang cricket competition in Dumka). यह आयोजन जरमुंडी सरडीहा मैदान में समर्थनम ट्रस्ट एवं झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ ब्लाइंड की ओर किया गया. प्रतियोगिता में बेहतर करने वालों का चयन झारखंड नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम के लिए किया जाएगा. इस शिविर में जरमुंडी प्रखंड सहित दुमका जिला के अन्य प्रखंडों की नेत्रहीन बालिकाओं ने भी भाग लिया.
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झारखंड नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम का होगा गठन: भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन ईस्ट जोन के कोच की देखरेख में आयोजित इस चयन शिविर में 30 नेत्रहीन महिला खिलाड़ियों ने चयन के लिए अपनी दावेदारी पेश की. भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन के कोच ने बताया कि झारखंड के विभिन्न इलाकों में कैंप आयोजित कर प्रतिभावान नेत्रहीन बालिकाओं का चयन कर झारखंड नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम का गठन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के चयन के लिए आयोजित किए जा रहे कैंपों में जो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेंगी, उन्हें अगले कैंप में बुलाया जाएगा.
दुमका में दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन, झारखंड नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम के लिए होगा चयन - दुमका न्यूज
दुमका के जरमुंडी प्रखंड में दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता सह चयन शिविर का आयोजन हुआ (Divyang cricket competition in Dumka). जिसमें जरमुंडी के साथ अन्य प्रखंड के दिव्यांग बच्चियों ने भी भाग लिया. भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन के कोच ने बताया कि इस कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं का चयन झारखंड नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम के लिए किया जाएगा.
![दुमका में दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन, झारखंड नेत्रहीन महिला क्रिकेट टीम के लिए होगा चयन Divyang cricket competition in Dumka](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16478767-thumbnail-3x2-dumka.jpg)
दुमका में पहली बार दिव्यांगों के लिए ऐसा आयोजन:बासुकीनाथ की धरती पर पहली बार नेत्रहीन बालिकाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम से बालिकाओं के बीच काफी उत्साह देखा जा रहा है. दिव्यांग बालिकाएं झारखंड महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने के लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ मैदान में नजर आईं. कार्यक्रम के आयोजन में स्थानीय समाजसेवियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. समाजसेवियों ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को समाज में हीन भावना से देखा जाता है लेकिन, इनमें भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. इनकी प्रतिभा को पहचान कर इन्हें उचित अवसर प्रदान किया जाए तो ये आगे चलकर राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे.