दुमकाःझारखंड में अफसरों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. संविधान और कानून पर निजी संबंधों को तरजीह देने के आरोप लग रहे हैं. अब साहिबगंज एसपी पर इसी तरह के आरोप लगे हैं. पिछले दिनों झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा ट्वीट कर साहिबगंज एसपी पर आरोप लगाए जाने के बाद अब डीआईजी बचाव में उतरे हैं ( Babulal Marandi Tweet Against Sahibganj SP). डीआईजी ने दुमका में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा (DIG Press Conference) कि सीएम हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा के खिलाफ शिकायतकर्ता ने ही केस वापस ले लिया था. साथ ही पंकज मिश्रा के खिलाफ शिकायत पर विजय हांसदा को जेल भेजे जाने के आरोप को बेबुनियाद करार दिया.
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ये है पूरा मामलाः बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पिछले दिनों ट्वीट किया था. इसमें मरांडी ने कहा था कि साहिबगंज में 7 जुलाई 2022 को कोर्ट ने जिरवाबाड़ी थाने को विजय हांसदा की शिकायत पर पंकज मिश्रा और अन्य पर अवैध खनन, एससी-एसटी एक्ट, आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन करीब 5 महीने बाद भी पंकज मिश्रा पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ. उल्टे शिकायतकर्ता विजय हांसदा ही जेल भेज दिए गए. बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज एसपी पर यह आरोप लगाया था कि उन्हें न्यायालय की परवाह नहीं है.
डीआईजी सुदर्शन मंडल की प्रेस कॉन्फ्रेंस बाबूलाल मरांडी के इस ट्वीट के बाद डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विजय हांसदा ने पंकज मिश्रा के खिलाफ जो आवेदन दिया था उस शिकायत को उन्होंने वापस ले ली थी और जहां तक विजय हांसदा को जेल भेजने की बात है तो जो उसे आर्म्स एक्ट के मामले में जेल भेजा गया है.
साहिबगंज में पंकज पर नहीं है कोई केसः डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि वर्तमान समय में पंकज मिश्रा के खिलाफ साहिबगंज में कोई भी केस दर्ज नहीं है. पहले के जो भी मामले थे, उसकी जांच की गई और तथ्यपरक कार्रवाई की गई है. डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मण्डल ने कहा कि तालझारी थाना कांड सं-146/21, दिनांक-24.12.2021 (जो कि धारा-323/341/504/384/34 एवं एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(एस), 3(1)(आर) के तहत वादी मुंगेर के रामनगर थाना क्षेत्र के कालीस्थान जानकीनगर के रमेश पासवान द्वारा न्यायालय में दिए गए परिवाद 548/21 के आधार पर राजमहल के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के निर्देश पर) अंकित किया गया था, जो कि विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी राजमहल हरिवंश पाण्डेय, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, राजमहल अरविंद कुमार सिंह, अंचलाधिकारी, तालझारी साईमन मरांडी, थाना प्रभारी तालझारी कैलाश कुमार,थाना प्रभारी, राजमहल प्रणीत पटेल एवं आर्म्स फोर्स के विरुद्ध सार्वजनिक स्थान पर जातिसूचक सम्बोधन कर गाली-ग्लौज करने एवं रंगदारी मांगने के आरोप में पंजीकृत किया गया था. इस कांड में अनुसंधान, साक्षियों के बयान एवं इस कांड के नामितों द्वारा दिये गये लिखित-मौखिक बयान के आधार पर यह कांड प्राथमिकी अभियुक्तों के विरुद्ध असत्य पाते हुए अंतिम प्रपत्र सं-52, दिनांक-17.05.2022 समर्पित किया गया है.
वहीं बरहरवा थाना कांड संख्या-85/20, जिसे वादी शंभूनंदन कुमार साकिन हरिणडंगा बाजार, पाकुड़ द्वारा दर्ज कराया गया था, उसमें तपन सिंह, दिलीप साह, इश्तखार आलम, पंकज मिश्रा, आलमगीर आलम(विधायक सह मंत्री, झारखंड सरकार), तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, राजीव रंजन शर्मा, निताई(संजय रमाणी), टिंकू रज्जाक अंसारी एवं 12 अन्य अज्ञात के विरुद्ध मारपीट करने का आरोप लगाया गया था. इसमें अनुसंधान में पाये गये साक्ष्य एवं तथ्यों की समीक्षा के बाद विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा एवं मंत्री आलमगीर आलम को निर्दोष पाते हुए अन्य 08 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र सं0-231/20 दिनांक 30.11.2020 समर्पित किया गया है.
वहीं न्यायालय में दायर परिवाद के आधार पर मिर्जाचौकी के विजय हांसदा द्वारा जो परिवार दायर किया था और विष्णु प्रसाद यादव, पवित्र कुमार यादव, राजेश यादव, संजय कुमार यादव, बच्चू यादव, संजय यादव, सुभेश मंडल, पंकज मिश्रा के विरुद्ध आरोप लगाए गए थे, उसमें परिवादी विजय हांसदा द्वारा ही एसपी साहिबगंज को लिखित आवेदन दिया गया है कि अशोक यादव के बहकावे में आकर परिवाद उसने दाखिल किया था, जिसे न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाना भेजा है.
डीआईजी ने बताया कि विजय हांसदा ने लिखकर दिया है कि वह इस केस को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है. केस झूठा है. विजय हांसदा का आपराधिक इतिहास रहा है और वह पूर्व में भी हथियार के साथ पकड़े जाने पर जेल गया है. इसलिए यह कहना सही नही है कि विजय हांसदा द्वारा शिकायत करने पर उसे जेल भेज दिया गया. उसे पूर्व के आर्म्स एक्ट के मामले में जेल भेजा गया है.