दुमका: जिले के जरमुंडी प्रखंड के धोबरना पहाड़िया गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. इस गांव तक जाने के लिए न तो कोई सड़क है और न ही यहां के लोगों को किसी प्रकार की सरकारी सुविधा मिल पाती है. आज भी यहां लोग जानवरों जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
संक्रामक बीमारियों को न्योता
आजादी के 70 साल गुजर जाने के बाद भी आज दुमका के धोबरना पहाड़िया गांव गांव में सड़क नहीं पहुंची है, जिसके कारण बरसात के दिनों में यह गांव एक टापू बन कर रह जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में न तो सड़क है और ना ही पेयजल की कोई व्यवस्था. पेयजल के लिए चापाकल तो है, लेकिन चापाकल से पानी की निकासी के लिए नाली की समुचित व्यवस्था नहीं है. इस वजह से पानी घर के समीप जमा हो रहा है जो संक्रामक बीमारियों को न्योता दे रहा है.