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दुमका में 1932 खतियान के आधार पर नियोजन नीति की मांग, कई संगठनों का प्रदर्शन - खतियान जन आक्रोश महासभा

दुमका में 1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों ने प्रदर्शन किया.

1932 Khatian in Dumka
संगठनों का प्रदर्शन

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Published : Apr 5, 2022, 3:13 PM IST

Updated : Apr 5, 2022, 4:57 PM IST

दुमका:1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. इस कड़ी में मंगलवार को दुमका में फूलो झानो मुर्मू 1932 खतियान संगठन और दिसोम मरांग बुरु युग जाहेर अखड़ा के बैनर तले दुमका प्रखंड के कई गांव गारडी, भीखा, धोबनचिपा, मकरो, दुन्दिया, लेटो, विजयपुर में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दुमका के विधायक बसंत सोरेन का पुतला दहन किया गया. इसके साथ साथ विधायक लोबिन हेम्ब्रम को छोड़कर सत्ता पक्ष झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के सभी विधायकों का पुतला दहन किया गया. ग्रामीणों ने पुतलों की लाठी-डंडों से पिटाई भी की.

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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दुमका के साथ पूरे झारखंड में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति की मांग आदिवासी और मूलवासी कर रहे हैं. उनका आरोप है कि हेमंत सोरेन सरकार निरंकुश हो गई है, जिस कारण 03 अप्रैल को बोरियो में लोबिन हेम्ब्रम द्वारा आयोजित 1932 खतियान जन आक्रोश महासभा में लोगों को जाने से रोका जा रहा था. वर्तमान सरकार वादाखिलाफी कर रही है. चुनाव के समय यह वादा किया गया था कि सरकार बनने पर 100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ है. इसके साथ-साथ पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया गया था, जो सिर्फ जुमला साबित हो रहा है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति नहीं बन सकती है. इस बयान से ग्रामीण काफी नाराज और आक्रोशित हैं.

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प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगें इस प्रकार हैं

(1) वर्तमान स्थानीय नीति और नियोजन नीति को रद्द कर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाई जाए

(2) संथाली को प्रथम राजकीय भाषा घोषित किया जाय

(3) मगही, भोजपुरी, अंगिका बाहरी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से पूरे झारखंड से हटाया जाय

(4) राज्य में पेसा कानून को लागू किया जाय

(5) SPT, CNT एक्ट को सख्ती से लागू किया जाय

(6) ग्रामीणों के जन समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र को पुनः चालू किया जाय

(7) सरकारी नौकरी अनुबंध और ठेका पर देना बंद कर स्थाई नौकरी दी जाए

(8) सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के छात्र समन्वय समिति के छात्रों और आंदोलनकरियों पर लगाई गई भादवि की धारा 188 व DM एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी अविलंब वापस ली जाए

(9)100 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाय. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई नेता या राजनीतिक पार्टी मांगों का समर्थन नहीं करती है तो उस नेता और पार्टी का राजनीतिक और सामजिक बहिष्कार किया जाएगा.

Last Updated : Apr 5, 2022, 4:57 PM IST

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