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युवाओं ने की चुनाव बहिष्कार की अपील, तो बुजुर्गों ने वोट से चोट की दी नसीहत

चुनाव के समय जनता के मुद्दे नेताओं के लिए प्रमुख हो जाते हैं. चुनाव के समय किए वादों को वोट मिलने के बाद नेतागण भूल जाते हैं. दुमका के धुबरी कदेली गांव में भी कच्ची सड़क को पक्का करने की मांग काफी समय से ग्रामीण कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया गया है. इससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी है. ग्रामीणों वोट बहिष्कार करने का भी मन बना लिया है.

Vote boycott
रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते ग्रामीण

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Published : Dec 10, 2019, 3:13 PM IST

दुमकाः जिले के जामा प्रखंड के धुबरी कदेली गांव में विकास का काम नहीं होने से जनता काफी नाराज है. यहां के ग्रामीण हर चुनाव में नेताओं से पक्की सड़क बनवाने की मांग करते आ रहे हैं. हर चुनाव में सभी प्रमुख पार्टी के नेता भी आश्वासन देकर वोट ले जाते हैं, लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है. ग्राम प्रधान लक्ष्मी रावत और बनारस रावत के बुलावे पर चौपाल लगाया गया. चौपाल में सड़क निर्माण के मुद्दे पर बहस चली. युवाओं और बुजुर्गों ने नेताओं के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए वोट बहिष्कार करने की बात कही.

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लोकसभा चुनाव में रोड के मुद्दे पर किया वोट
गांव के युवा रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर रहे हैं, लेकिन बुजुर्ग उन्हें समझदारी से काम लेते हुए वोट की चोट से नेताओं को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं. युवा वर्ग में नेताओं के वादा खिलाफी की वजह से काफी आक्रोश है. बता दें कि जामा से जरमुंडी भाया हरिपुर जाने वाले आर्य सड़क से दुबरी कदली गांव जाने वाली कच्ची सड़क जर्जर और बदहाल स्थिति में है. यहां की जनता लगातार पक्की सड़क की मांग करते आ रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में ग्रामीणों ने इसी मुद्दे पर वोट किया था.

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लोकसभा चुनाव का वादा अब तक नहीं हुआ पूरा
पिछले लोकसभा चुनाव में युवाओं ने वोट बहिष्कार करने का मन बना लिया था, लेकिन चुनाव के पहले वर्तमान सांसद ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि चुनाव के बाद सबसे पहला काम सड़क निर्माण कार्य शुरू करना होगा. लेकिन लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव शुरू हो जाने के बाद भी किसी ने सुध नहीं ली. इसी बात से नाराज ग्रामीणों ने सालों पुराना वायदा पूरा नहीं होने से वोट मांगने वाले नेताओं का विरोध और वोट बहिष्कार करने का फैसला लिया है.

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