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एसकेएम यूनिवर्सिटी दुमका में एजुकेशन एंड एम्प्लॉयबिटी विषय पर शिक्षाविदों ने किया विमर्श, कहा- बेरोजगारी की वजह अकुशलता

एसकेएम यूनिवर्सिटी में आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में शिक्षा को रोजगारपरक बनाने पर विस्तृत चर्चा हुई. कॉन्फ्रेंस में विभिन्न राज्यों से पहुंचे शिक्षाविदों ने एजुकेशन और एम्प्लॉयबिटी विषय पर अपनी बातें रखीं. Conference on Education and Employment.

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Conference On Education And Employment

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 6, 2023, 2:30 PM IST

दुमकाः सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में आयोजित एजुकेशन और एम्प्लॉयबिटी विषय पर दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस रविवार को संपन्न हो गया. इस दो दिनों में अलग-अलग प्रांतों से आए शिक्षाविदों, विद्वानों और जानकारों ने इस बात पर विशेष चर्चा की कि शिक्षा को रोजगारपरक कैसे बनाया जाए. शिक्षा रोजगार देने वाली हो इसके लिए छात्र और शिक्षक अपना किस तरह का योगदान दें और क्या प्रयास करें. इन तमाम बातों पर शिक्षाविदों ने अपनी राय रखी.

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दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का समापनः कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन का पहला टेक्निकल सत्र की अध्यक्षता डॉ हरिकेश सिंह ने की. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने दूसरे दिन के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता कर्नल प्रेम प्रकाश का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया.

बेरोजगारी का कारण अकुशलताः इस दौरान मुख्य वक्ता कर्नल प्रेम प्रकाश ने सेल्फ स्किल और एम्प्लॉयबिटी के विभिन्न आयामों पर बात करते हुए डोमिन स्किल, एपीयरेंस स्किल, व्यवहार और कम्युनिकेशन स्किल के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण अकुशल होना बताया. उन्होंने कहा कि अगर आप पर्सनल, प्रोफेशनल और सोशल लाइफ में सामंजस्य स्थापित कर लेते हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने अपने वक्तव्य में कौशल को सफलता का सूत्रधार बताया.

10 शोधार्थियों ने पढ़ा रिसर्च पेपरः वहीं सत्र के अंत में लगभग 10 शोधार्थियों ने अपना रिसर्च पेपर पढ़ा. पेपर पढ़ने वाले शोधार्थियों में संजय विश्वास, श्री हरि प्रकाश, काजल किरण, स्निधा हांसदा, अभिनव कुमार, हरिचंद्र, डॉ सुबोध प्रसाद रजक, बास्की नीरज आदि शामिल थे. उन्होंने बताया कि संथाल परगना के स्थानीय कौशल की पहचान करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है.

कई शिक्षाविदों ने रखी अपनी रायः कार्यक्रम के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जेपी यूनिवर्सिटी छपरा के पूर्व कुलपति डॉ हरिकेश सिंह और सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा की प्रति कुलपति डॉ सुषमा यादव, कुलाधिपति सह राज्यपाल के विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ संजीव राय, एमेटी यूनिवर्सिटी रांची की प्राध्यापिका डॉ शायांतानी बनर्जी, कर्नल प्रेम प्रकाश शामिल हुए.

विमर्श में निकल कर आयी बातों पर चिंतन की जरूरतः अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति ने सभी का स्वागत करते हुए कहा इस कॉन्फ्रेंस से कई विमर्श निकल कर बाहर आये हैं, जिस पर चिंतन करने की आवश्यकता है. साथ ही उन्होंने कहा इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे.

शिक्षा सिर्फ रोजगार का साधन नहींः समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ सुषमा यादव ने भी अपनी बातें रखी. जिसमें उन्होंने ऐसी शिक्षा व्यवस्था की कल्पना की जो रोजगार के अवसर तो उपलब्ध कराए हीं, साथ ही साथ छात्रों में भारतीय परंपरा और संस्कृति का भी संचार करें. उन्होंने कहा कि शिक्षा मात्र रोजगार के साधन के रूप ना देखा जाए, बल्कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो छात्र के जीवन के आदर्श, संस्कार, सभ्यता को समझाए. उन्होंने कहा कि संथाल परगना के स्थानीय कौशल की पहचान करने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है. अंत में जिन प्रतिभागियों ने कॉन्फ्रेंस में पेपर प्रस्तुत किए उन सभी के बीच प्रमाण पत्र का वितरण किया गया.

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