दुमका: जिले के सजायाफ्ता कैदियों के तीन बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित बालगृहों में आवासित कराया गया. केंद्रीय कारा के अधिकारी अश्विनी कुमार तिवारी की ओर से एक आवेदन उपायुक्त को देकर आग्रह किया गया था कि सजायाफ्ता बंदियों के 6 वर्ष से ऊपर की आयु के तीन बच्चों की उचित देखभाल, उनकी शिक्षा, सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जाए.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने निर्देश दिया, जिसके बाद जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने बाल कल्याण समिति और केंद्रीय कारा के साथ समन्वय स्थापित किया और चाइल्डलाइन दुमका के सहयोग से बच्चों को केंद्रीय कारा से प्राप्त किया और बाल कल्याण समिति के सामने बच्चो के संबंध में उचित निर्णय लेने के लिए उपस्थित करवाया.
समाज कल्याण विभाग की पहल, सजायाफ्ता बंदियों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भेजा गया बालगृह - Social Welfare Department initiative for children in dumka
दुमका में समाज कल्याण विभाग ने एक अच्छी पहल की है. जिसमें सजायाफ्ता बंदियों के तीन बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्हें बालगृह भेजा गया. ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके.
![समाज कल्याण विभाग की पहल, सजायाफ्ता बंदियों के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भेजा गया बालगृह Children of sentenced prisoners sent to childhouse in dumka](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9983901-thumbnail-3x2-ddd.jpg)
दुमका में सजायाफ्ता बंदियों के बच्चों को बालगृह भेजा
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बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज शाह ने बताया कि बच्चे देश के भविष्य हैं और ये समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और एक सामान्य नागरिक का कर्तव्य निर्वहन कर सकें. इसके लिए बाल कल्याण समिति सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए बच्चों को अपने संरक्षण में लेती है और बच्चों को समेकित बाल संरक्षण योजनान्तर्गत प्रदत सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा. यह पूरी जानकारी दुमका सूचना भवन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है