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बासुकीनाथ धाम में बिच्छू बम का स्वागत, मंदिर प्रशासन ने किया सम्मानित

बिच्छू बम अशोक गिरी अपने हाथों के बल पर चलकर सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा बासुकीनाथ मंदिर पहुंचे. आम लोगों ने उनका जगह-जगह स्वागत किया. मंदिर में पंडा पुरोहितों ने उन्हें सम्मान पूर्वक जलअर्पण कराया, साथ ही मंदिर प्रशासन द्वारा बिच्छू बम का सम्मान किया गया.

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Published : Jan 22, 2023, 2:03 PM IST

Updated : Jan 22, 2023, 2:39 PM IST

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दुमकाः भगवान भोलेनाथ की भक्ति ही निराली है, उनके भक्त भी अपने ईष्ट देव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह से उनकी भक्ति करते हैं. उन्हीं में से एक है बिच्छू बम, वैसे तो बोल का नारा लगाते हुए सावन के महीने में बिहार के सुल्तानगंज से जल से लोग कांवर लेकर चलते हैं, कोई दौड़कर बाबा के दरबार आत है. लेकिन ये बिच्छू बम अपने हाथों के बल पर चलकर सुल्तानगंज से दुमका के बासुकीनाथ धाम या ज्योतिर्लिंग देवघर पहुंचते हैं. शनिवार को बासुकीनाथ धाम में बिच्छू बम के पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया.

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बिच्छू बम अशोक गिरी सुल्तानगंज से जल लेकर हाथों के बल चलते हुए बाबा बासुकीनाथ के दरबार में पहुंचे. उन्हें यहां पहुंचने में 180 दिन का समय लगा, उनके दुमका पहुंचने पर बिच्छू बम का लोगों ने जगह-जगह स्वागत किया. बासुकीनाथ धाम में प्रवेश करने पर आम भक्तों के साथ साथ मंदिर प्रशासन और पुरोहितों का उत्साह उनको देखकर दोगुना हो गया. पुरोहितों ने बिच्छू बम को सम्मानपूर्वक मंदिर में बाबा का जलाभिषेक करवाया. इसके बाद मंदिर प्रशासन की ओर से उन्हें अंग वस्त्र प्रदान कर माला पहनाकर उन्हें सम्मानित किया.

उत्तर प्रदेश, बलिया जिला के नाथनगर रसड़ा गांव निवासी अशोक गिरी, बाबा भोलेनाथ के भक्त हैं. अशोक शिव भक्त होने के साथ साथ राष्ट्र भक्त भी हैं, वो अपनी पीठ पर तिरंगा में गंगाजल का डिब्बा लपेटकर चल रहे हैं. हाथों के बल पर चलने के कारण लोग उन्हें बिच्छू बम कहते हैं. रास्ते में वो जहां से भी गुजरते हैं और मदद के लिए आगे आते हैं लेकिन वो फल के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करते.

अशोक गिरी ने बताया कि वो अपने गुरु की आज्ञा से 5 महीने पूर्व सावन माह में ही गंगाजल लेकर सुल्तानगंज से निकले और दुमका बासुकीनाथ धाम पहुंचने पर ही उसकी यात्रा पूर्ण हुई. उन्होंने बताया कि जनकल्याण के लिए अपने गुरु के साथ गंगोत्री से जल लेकर पैदल ही रामेश्वरम तक की यात्रा कर चुके हैं. देवघर से बासुकीनाथ के कांवरिया पथ में चलने में उन्हें थोड़ी परेशानियां हुई. इस मौके पर मंदिर प्रभारी आशुतोष ओझा ने कहा कि उन्हें सम्मानित कर हम लोग गर्व महसूस कर रहे हैं. इस तरह का साधक और हठयोग करने वाले बहुत ही कम भक्त आते हैं.

Last Updated : Jan 22, 2023, 2:39 PM IST

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