दुमकाःसरकार जनकल्याण के लिए विकास योजनाएं बनाती है और फिर बड़ी राशि खर्च कर उसे धरातल पर उतरती है, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि सरकारी अधिकारियों के लापरवाही की वजह से योजना समय पर धरातल पर नहीं उतर पाती हैं. इससे योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है. इसका बड़ा नमूना दुमका में देखा जा सकता है. जहां सिर्फ पांच लाख की राशि नहीं प्राप्त होने की वजह से गवर्नमेंट आर्ट एंड कल्चर भवन का निर्माण कार्य (Art and Culture Building Construction Work) सात वर्षों में भी पूरा नहीं हो सका है.
जानें क्या है पूरा मामलाः दुमका में मयुराक्षी नदी के तट पर ब्रिटिश काल से हर साल सदर प्रखंड के हिजला ग्राम में जनजातीय मेला महोत्सव का आयोजन हो रहा (Hijla Tribal Fair Festival) है. इस दौरान यहां सात दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. जिसमें झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश से आये रंगकर्मियों, कलाकारों और कलाप्रेमियों से पूरा क्षेत्र गुलजार रहता है. ऐसे में आने वाले कलाकारों की सुविधा के साथ-साथ इस क्षेत्र को सांस्कृतिक गतिविधि से सालों भर गुलजार करने के लिए सरकार ने 2014 में यहां आर्ट एंड कल्चर बिल्डिंग का निर्माण कराने का निश्चय किया था. इसके लिए 45 लाख की कार्य योजना बनाई गई. भवन निर्माण विभाग द्वारा काम तय समय में शुरू भी हुआ. लगभग 90% काम होने के बाद इस भवन का निर्माण कार्य अधर में छोड़ दिया गया है. उचित देखरेख के अभाव में यह अधूरा भवन असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. नशेड़ियों का यहां जमावड़ा लग रहता है. शराब की बोतलें यहां फेंकी दिखाई देती हैं.