दुमकाः झारखंड की निलंबित आईएएस ऑफिसर पूजा सिंघल मामले में जब से अवैध खनन का पार्ट इंक्लूड हुआ है, तबसे दुमका में भी इसका काफी असर देखा जा रहा है. दुमका में अवैध खनन और परिवहन के मामले लगातार सामने आ रहे थे. बीच-बीच में खनन टास्क फोर्स के द्वारा कार्रवाई भी हो रही थी. लेकिन विगत 15 दिनों में पत्थर, कोयला, बालू के अवैध उत्खनन से जुड़े कई माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है.
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छुपे माफिया चढ़े पुलिस के हत्थेः शिकारीपाड़ा पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से अपना काला कारोबार चला रहे कलीमुद्दीन अंसारी उर्फ कलीम मियां को पुलिस ने 10 दिन पूर्व गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. शिकारीपाड़ा के वन क्षेत्र में कोयला निकालकर बेचने वाले 1 दर्जन से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया और उन पर एफआईआर की गयी. वहीं पश्चिम बंगाल से झारखंड आकर बालू का अवैध कारोबार कर रहे मंसूर मियां भी पुलिस के हत्थे चढ़ा. विगत कुछ दिनों में सिर्फ माफियाओं पर ही नहीं बल्कि पुलिस पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई.
खनन माफियाओं पर हुए एफआईआर का सही ढंग से अनुसंधान नहीं करने वाले शिकारीपाड़ा के थानेदार नवल किशोर सिंह नप गए. एसपी ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया है. कुल मिलाकर ईडी की कार्रवाई का असर हुआ कि पुलिस और प्रशासन चौकस नजर आए और वर्षों से छुपे कई खनन माफिया गिरफ्तार हुए हैं.
क्या कहते हैं पूर्व मंत्रीः ईडी की कार्रवाई के बाद प्रशासन की चौकसी और खनन पदार्थों के अवैध कारोबारियों में हड़कंप के मामले पर एकीकृत बिहार के समय कर्पूरी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे कमलाकांत सिन्हा कहते हैं कि ईडी को हम धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने में बड़ी भूमिका अदा की. उन्होंने कहा कि खनन विभाग के साथ अन्य विभागों पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि झारखंड में लूट मची हुई है, इसे बचाना जरूरी है. वहीं दुमका सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार कहते हैं कि माफियाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है यह सभी लोगों के लिए संतोष की बात है.
संथाल परगना के डीआईजी ने दी जानकारीः संथाल परगना डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने जानकारी देते हुए बताया कि अवैध उत्खनन के मामलों पर और दर्ज एफआईआर में अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभाने वाले शिकारीपाड़ा के दो पूर्व थानेदार सुशील कुमार और नवल किशोर सिंह पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. थाना प्रभारी सुशील कुमार के खिलाफ दो मामले हैं हालांकि इसमें एक मामला पिछले वर्ष 2021 का है. उनपर जिला मुख्यालय के जांच टीम को सहयोग नहीं करने का आरोप लगा था. जबकि दूसरी शिकायत वन विभाग द्वारा की थी कि जब हमारी टीम अवैध उत्खनन की जांच करने शिकारीपाड़ा वन क्षेत्र गई थी तो थानेदार ने सहयोग नहीं किया. इन दोनों मामलों की जांच साहिबगंज और पाकुड़ एसपी कर रहे हैं. इधर पूर्व थानेदार नवल किशोर सिंह के कार्य में शिथिलता की जांच देवघर एसपी करेंगे.