दुमकाः जिला के जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के लोनी गांव के पानवती देवी आज भी सरकारी सहायता से वंचित है. 80 वर्षीय वृद्धा पानपती देवी को उनके पुत्र ने घर से निकाल दिया. अब वो इलाके के लोगों की दया पर जिंदा है. उन्होंने सरकारी मदद के लिए हाथ-पांव तो मारे लेकिन किसी प्रकार का कोई भी सरकारी सहायता उन्हें नहीं मिल रही है. इसकी वजह से वह भूखे मरने को मजबूर हैं.
नहीं मिला राशन कार्ड और पीएम आवास
राशन कार्ड और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित विधवा महिला लाचारी और बेबसी में जीवन जीने को मजबूर है. मामला जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट पंचायत के नोनीगांव का है. जहां एक लगभग 80 वर्षीय पानवती देवी नामक वृद्ध महिला है. जिसके पास ना तो रहने का कोई ढंग का ठिकाना है और ना ही खाने के लिए सरकारी राशन. वृद्ध महिला ने बताया कि घर के नाम पर उसके पास एक प्लास्टिक से ढंकी झोपड़ी है. जिसके भरोसे गर्मी, बारिश और सर्दियों में उसकी रात गुजरती है. राशन कार्ड नहीं रहने की वजह से उन्हें किसी प्रकार का कोई सरकारी अनाज नहीं मिलता है. आस पड़ोस के लोग खाने को कुछ दे जाते हैं तो उसका पेट भरता है. सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ वृद्धा पेंशन ही मिलता है, जिसके सहारे वह किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही है. राशन कार्ड और पीएम आवास के लिए कई बार उसने जनप्रतिनिधियों से लेकर पदाधिकारियों तक गुहार लगाई लेकिन अब तक किसी ने उनकी सुध नहीं ली है.
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बीडीओ ने दिया आश्वासन
इस मामले में बीडीओ जरमुंडी ने बताया कि वृद्धा की दयनीय स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी मिली है. महिला को अंबेडकर आवास योजना और राशन कार्ड की सुविधा जल्द ही प्रदान की जाएगी.