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प्रधानखांटा रेलवे अंडर पास दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा, रणधीर वर्मा चौक पर दिया धरना - Dhanbad news

प्रधानखांटा रेलवे सबवे दुर्घटना के पीड़ित (Victims of Pradhankhanta Railway subway accident) परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है. मुआवजे की मांग को लेकर मार्क्सवादी युवा मोर्चा की ओर से धरना दिया है.

Victims of Pradhankhanta railway subway accident
प्रधानखांटा रेलवे अंडर पास दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को नहीं मिला मुआवजा

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Published : Oct 19, 2022, 5:22 PM IST

धनबाद: रणधीर वर्मा चौक पर मार्क्सवादी युवा मोर्चा की ओर से प्रधानखांटा अंडरपास दुर्घटना के पीड़ित (Victims of Pradhankhanta railway subway accident) परिवारों को मुआवजे की मांग को लेकर धरना दिया. इस धरने में पीड़ित परिवार भी शामिल हुए और मुआवजे की मांग की. परिजनों ने कहा कि घटना के बाद रेलवे ने एक आश्रित को नौकरी और 20 लाख रुपए देने की बात कही थी. लेकिन आज तक मुआवजा के रूप में एक रुपया नहीं मिला है.

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मार्क्सवादी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष पवन महतो ने कहा कि 12 जुलाई को प्रधानखांटा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे अंडर पास निर्माण के दौरान बड़ा हादसा हुआ, जिसमें निरंजन महतो, सौरभ धीवर, पप्पू कुमार महतो और विक्रम महतो की मौत हो गई. वहीं, एक मजदूर छूटनाथ कुमार महतो घायल हो गए थे. ग्रामीणों ने इस घटना को लेकर आंदोलन किया था तो रेलवे ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये और एक सदस्य को योग्यता के आधार पर रेलवे संवेदक के पास नियोजन सुनिश्चित की जाएगी.

दुर्घघटना के 3 माह बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं मिला है. पीड़ित परिवार मुआवजा और नियोजन को लेकर लगातार डीआरएम कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. धरना पर बैठे लोगों ने कहा कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा और नौकरी नहीं दिया गया तो आगे पूरे शहर में चक्का जाम करेंगे.


पीड़ित परिवार ने बताया कि 12 जुलाई को धनबाद रेलमंडल क्षेत्र में अंडर पास निर्माण किया जा रहा था. इस दौरान बड़ा हादसा हुआ, जिसमें 4 मजदूर मिट्टी में दब गए और उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद डीआरएम और अन्य अधिकारी के साथ समझौता पत्र तैयार किया गया, जिसमें 20 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने की बात कही थी. 10 दिनों के भीतर मुआवजा देने की घोषणा की गई. लेकिन अब तक एक रुपये का मुआवजा नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि डीआरएम कार्यालय का कई बार चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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