धनबाद: जिले में कोयला उद्योग में 18 अगस्त को आहूत एक दिवसीय हड़ताल को सफल बनाने को लेकर लोदना क्षेत्र के नोर्थ तिसरा छह नंबर हाजरी घर के समीप संयुक्त मोर्चा की शनिवार को एक दिवसीय सभा का आयोजन किया गया. इसमें कामर्शियल माइनिंग, श्रम कानून में संशोधन, सीएमपीएफ का ईपीएफ में विलय, सीएमपीडीआई कोल इंडिया अलग करने के विरोध में हड़ताल सफल बनाने के लिए अपील की गई. आरसीएमएस के महामंत्री एके झा ने कहा कि कोयला उद्योग राष्ट्रीयकरण के 49 साल बाद देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री ने उल्टा चक्र घुमाने का काम किया है. कोल इंडिया को विखंडित कर कोल इंडिया और बीसीसीएल के अस्तित्व को मिटा देना चाहती है.
देश के संपूर्ण कोयला उद्योग को देसी और विदेशी मालिकों के हाथ में सौंप देना चाहती है. कोयला उद्योग को कुरुक्षेत्र बनाने का काम केंद्र सरकार नहीं करे. कोयला उद्योग किसी का जागीर नहीं है. मजदूरों के साथ छेड़छाड़ करना उन्हें महंगा पड़ सकता है. इस लड़ाई को हम सभी सड़क से लेकर सदन तक लड़ेंगे. जब तक कोल ब्लॉक निलामी वापस नहीं होगी तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. वहीं, बीसीकेयू नेता और जेबीसीसीआई सदस्य मानस चटर्जी ने कहा कि पूर्व में 3 दिन हड़ताल से 85 फीसदी कंपनी को नुकसान हुआ है. अपने उद्देश्य में असफल होते देख देश के प्रधानमंत्री कमर्शियल माइनिंग लागू करने के लिए स्वयं मैदान में उतर गए हैं.
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