धनबाद: गैर कानूनी करार दिए गए ट्रिपल तलाक का फंदा मुस्लिम महिलाओं पर अभी भी कसा हुआ है. अब धनबाद की मुस्लिम महिला को फोन पर तीन तलाक (triple talaq case in dhanbad ) दे दिया गया और पुलिस कानून से खेल रहे पुरुष को कानून सिखाने में रुचि नहीं दिखा रही है. धनबाद की पीड़ित अदीफा फातिमा तीन माह से न्याय के लिए थाने के अधिकारियों की ठोकर खा रही है और कानून तोड़ने वाला बेपरवाह है. यह मामला धनबाद के पाथरडीह थाना क्षेत्र का है.
धनबाद में महिला को फोन पर तीन तलाक, दूसरे निकाह के लिए पहली बीवी से तोड़ लिया नाता, धनबाद पुलिस मौन
गैर कानूनी करार दिए गए ट्रिपल तलाक का पंजा अब भी मुस्लिम महिलाओं पर कसा हुआ है. तलाक, तलाक, तलाक ने एक और मुस्लिम महिला की जिंदगी जहन्नुम बना दी. इस बार धनबाद में महिला को फोन पर तीन तलाक देने का मामला (triple talaq case in dhanbad ) सामने आया है. यहां दूसरी महिला से निकाह के लिए एक शख्स ने फोन पर ट्रिपल तलाक ( triple talaq over phone ) यानी तलाक, तलाक, तलाक बोलकर बीवी से नाता तोड़ लिया और बच्चों सहित उसे भटकने के लिए छोड़ दिया. वहीं धनबाद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
बता दें कि एक महिला अपने माता पिता और दो बच्चों के साथ धनबाद SSP कार्यालय पहुंची थी. यहां पाथरडीह के चासनाला इलाके में रहने वाले पीड़िता के पिता अब्दुल रब ने बताया कि उसने बेटी की शादी प. बंगाल के पुरुलिया जिले के रहने वाले अयूब खान से वर्ष 2016 में की थी. वह बेकरी में काम करता है. उसकी बेटी के दो बच्चे भी हैं. अब इसके शौहर ने ससुराल की 5 डिसमिल जमीन के लालच और दूसरे निकाह के लिए फोन पर ही तीन तलाक ( triple talaq over phone ) दे दिया. वह भी दूसरे के मोबाइल पर कॉल कर, क्योंकि उसकी बेटी शौहर से उस वक्त बात नहीं करना चाह रही थी.
धोखे से दूसरे के मोबाइल पर बच्चों के जरिये बुलाया और तीन तलाक दे दिया. आरोप है कि अब वह दूसरे निकाह के फिराक में है, जिसकी शिकायत उन्होंने धनबाद महिला थाने में थी. लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मजबूर होकर सोमवार को उनकी बेटी एसएसपी के पास न्याय की गुहार लगाने आई है.
...तब करेंगे कार्रवाईः वहीं इस मामले में महिला थाना प्रभारी विशाखा पांडेय का कहना है कि महिला की शिकायत पर दोनों पक्षों को नोटिस दिया गया है. लेकिन आरोपी पक्ष ने अब तक थाने में पहुंच कर अपनी बात नहीं रखी है. अंतिम तिथि 13 सितंबर की है. अगर आरोपी पक्ष हाजिर नहीं होता है तो एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.