धनबादः कोरोना के कारण साल 2020 के सभी त्योहार फीके हो गए हैं. वहीं, इसका असर इस बार मोहर्रम पर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल, कोरोना के इस दौर में सदियों से चली आ रही ताजिया और अखाड़ा निकालने की रवायत इस साल टूटने वाली है. इस वर्ष ना तो ताजिया निकलेगी और ना ही अखाड़ा. बाजार में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. हर साल की तरह मोहर्रम के अवसर पर बाजारों में रौनक देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार बाजारों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.
मोहर्रम पर पड़ा कोरोना का प्रकोप, इस वर्ष ना ताजिया और ना ही अखाड़ा
झारखंड में कोरोना का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जिसका असर मोहर्रम के त्यौहार पर भी पड़ा है. इस वर्ष कोरोना के चलते धनबाद में ताजिया और अखाड़ा निकालेंगे. वहीं, इसकी वजह से बाजारों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.
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मोहर्रम में होगा लॉकडाउन का पालन
झरिया जामा मस्जिद के उलेमा मोहम्मद असरार अहमद कादरी ने कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि लॉकडाइन का पालन करते हुए मोहर्रम मनाएं. उन्होंने कहा मोहर्रम पर लोग अपने अल्लाह से दुआ करें कि इस मोहर्रम पर हिंदुस्तान से कोरोना दूर चला जाए.
बाजार में पसरा सन्नाटा
मोहर्रम के कुछ दिन पहले से ही बाजार में चहल पहल बढ़ जाती थी, लेकिन कोरोना के कारण पहले जैसी रौनक नहीं है और दुकानदारों में निराशा के भाव देखने को मिल रहे हैं. मोहर्रम के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिया और अखाड़ा ना निकालकर सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते दिखाई दे रहे हैं. साथ ही मोहर्रम के मौके पर अल्लाह से कोरोना से मुक्ति की दुआ भी मांग रहे हैं.