धनबाद: कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ कोयला उद्योग में संयुक्त ट्रेड यूनियन ने तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है. हड़ताल के पहले और दूसरे दिन बीसीसीएल कोलयरियो में इसका व्यापक असर रहा. वहीं हड़ताल के तीसरे दिन भी बीसीसीएल का कार्य पूर्ण रूप से ठप रहा.
बाघमारा बीसीसीएल एरिया वन, ब्लॉक दो, केशलपुर कोलियरी, रामकनाली कोलियरी, सालनपुर कोलियरी, आकाश किनारी कोलियरी, गोविंदपुर कोलियरी सहित अन्य कोलियरी में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला.
लगभग सभी कोलियरी और परियोजनाओं में मजदूरों ने प्रथम पाली में हाजिरी नहीं लगाई, जिससे उत्पादन पूरी तरह ठप रहा. यूनियन के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने सभी कोलियरी और परियोजनाओं में पहुंचकर कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
प्रत्येक दिन करोड़ों का नुकसान
संयुक्त मोर्चा की तीन दिवसीय हड़ताल से बीसीसीएल को प्रत्येक दिन करोड़ों का नुकसान हुआ है. इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. रामकनाली कोलियरी, केशलपुर कोलियरी और मोदीडीह कोलियरी में यूनियन नेता राजेंद्र प्रसाद राजा, विमलेश चौबे, लखन महतो, पंकज सिंह, हरेंद्र सिंह, गौरव दुबे अमित दुबे, वरुण सिंह, अमलेश सिंह, विकास तिवारी, शिवप्रसाद महतो सहित अन्य ने सभी कोलियरियों में घूम-घूम कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
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कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू
दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से 18 जून को 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. केंद्र सरकार का कहना है कि कॉल ब्लॉकों की नीलामी से किसी मजदूर की नौकरी नहीं जाएगी, बल्कि नई नौकरियों का सृजन होगा. वार्ता के लिए श्रमिक संगठनों को बुलाया भी गया था, लेकिन बीते दिनों वार्ता के फेल हो जाने के बाद श्रमिक संगठन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पूरे देश में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी.
41 कोल ब्लॉकों में झारखंड के भी 8 कोल ब्लॉक शामिल हैं, जिनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. हालांकि धनबाद में नीलामी प्रक्रिया में एक भी कॉल ब्लॉक शामिल नहीं है. हड़ताल में पांचों केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक और सीटू के अलावा स्थानीय मजदूर यूनियन भी शामिल रहा.