धनबादः धनबाद में अपहरण के झूठे मुकदमे ने दो परिवारों को तबाह कर दिया. जिस युवती के अपहरण के लिए पांच आरोपियों को नौ महीने जेल काटनी पड़ी, दो लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा और एक अभियुक्त की सदमे में जान चली गई. अब वही केस झूठा निकला. 18 साल बाद युवती घर लौट आई. अब अपहरण केस के आरोपी इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं.
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बता दें कि लोदना ओपी क्षेत्र में हर साल रक्षा काली मेला लगता है. साल 2003 में लोदना के रहनेवाले बंगाली रविदास की 20 वर्षीय बेटी आरती कुमारी मेले में गुम हो गई थी. रविदास ने लोदना ओपी में बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में राजू मल्लाह, रामेश्वर मल्लाह, मनोज निषाद, बजरंगी पासवान और दीपक चौहान को बेटी के अपहरण का आरोपी बनाया था.
शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया. हालांकि करीब 9 महीने जेल के अंदर रहने के बाद सभी जमानत पर छूट गए.
18 साल बाद अपहृत लौटी घर