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धनबाद: हैंडपंप घोटाले में शो-कॉज नोटिस, नये प्रिसिंपल परेशान, कहा- 'करे कोई, भरे कोई' - Chapakal scam in Dhanbad

वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्कूलों में हुए चापाकल बोरिंग घोटाले में एक बार फिर से समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय धनबाद रेस हुआ है. जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक ने संयुक्त रूप से पत्र जारी करते हुए 149 तत्कालीन हेडमास्टर्स को शो-कॉज जारी किया है. जिससे अब नए हेडमास्टर्स के लिए यह कारण बताओ नोटिस सिरदर्द बन चुका है.

Condolence notice to Principals in Chapakal scam at dhanbad
Condolence notice to Principals in Chapakal scam at dhanbad

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Published : Jul 31, 2020, 12:53 PM IST

धनबाद: साल 2013-14 में चापाकल बोरिंग घोटाले में 149 स्कूलों के तत्कलीन हेडमास्टर और विद्यालय प्रबंध समिति को शो-कॉज किया गया है. इस शो-कॉज में हेडमास्टर्स को अपना पक्ष रखने के साथ ही एक शपथ पत्र भी देना है. घोटाले के इन 6-7 सालों में कई हेडमास्टर की बदली हो गई, तो कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं. ऐसे में नए हेडमास्टर्स के लिए यह शो-कॉज सिरदर्द बन चुका है. उनका कहना है कि करे कोई और भरे कोई.

चापाकल घोटाला
'करे कोई, भरे कोई'

वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्कूलों में हुए चापाकल बोरिंग घोटाले में एक बार फिर से समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय धनबाद रेस हुआ है. जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक ने संयुक्त रूप से पत्र जारी करते हुए 149 तत्कालीन हेडमास्टर्स को शो-कॉज करते हुए 25 जुलाई तक जवाब मांगा है. इस मामले में अब तक 149 हेडमास्टर्स को शो-कॉज किया गया है. राज्य मुख्यालय पहले ही कार्रवाई और मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे चुका है. ऐसे में नए हेडमास्टर्स का कहना है कि किसी और के समय में हुई गड़बडियों का हिसाब वो क्यों दें. उनके कार्यकाल में जब यह घोटाला हुआ ही नहीं है, तो वे शपथ पत्र को भरकर क्यों दें. विभाग को उस समय के प्रभारी और हेडमास्टरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं, जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि स्पष्टीकरण में सभी प्रभारी प्रधानाध्यापकों और विद्यालय प्रबंधन समिति को जवाब देना है. जो प्रभारी प्रधानाध्यापक सीधे तौर पर इससे जुड़े थे और सेवानिवृत हो चुके हैं. उनके पते पर शो-कॉज भेजने की प्रक्रिया चल रही है.

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एक नजर पिछले क्रम पर

वितीय वर्ष 2013-14 में तत्कालीन डीएसई ने 145 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में चापाकल लगाने का काम किया था. इस मामले में घोटाले को लेकर सरकार से शिकायत की गई थी. जांच के बाद मंत्री जगरनाथ महतो ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था. चापाकल लगाने की प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को मामले के दायरे में लाकर कार्रवाई की जा रही है. 60 हजार रुपए का एक चापाकल सर्वशिक्षा अभियान के तहत लगाए जाने वाले 156 चापाकलों के लिए करीब 93 लाख रुपए का आवंटन हुआ था. इनमें से करीब 145 चापानल लगाए गए थे, जबकि शेष राशि राज्य को वापस कर दी गई थी.

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