धनबाद:महिलाओं और युवतियों के साथ आए दिन जघन्य अपराधों की खबरें मीडिया की सुर्खियों में रहती हैं. कुछ दिन पहले ही SNMMCH में विक्षिप्त युवती से दुष्कर्म का मामला सामने आया था, अब दोबारा से इसी अस्पताल में महिला मरीज के परिजन से दुष्कर्म की कोशिश होने का मामला सामने आया है. इन घटनाओं की स्थानीय बीजेपी विधायक राज सिन्हा ने निंदा की है. वहीं डीसी ने बैठक में सुरक्षा को लेकर आगे की रणनीति तय की है.
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दुष्कर्म के एक नहीं बल्कि दो-दो मामले सामने आए हैं. ऐसे में अस्पताल की छवि अब खराब हो रही है. अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. पहली घटना 16 जुलाई की रात में घटी थी, जिसमें अस्पताल में भर्ती एक विक्षिप्त महिला को बहला फुसलाकर बाहर ले जाया गया था. इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. आरोपी एम्बुलेंस चालक संजय दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वारदात के बाद एसडीएम सुरेंद्र कुमार (SDM Surendra Kumar) सह अस्पताल के नोडल ऑफिसर कुमार ताराचंद ने अस्पताल का निरीक्षण कर डॉक्टरों के साथ बैठक की.
अस्पताल का निरीक्षण करते एसडीएम क्या है मामला?
बुधवार की रात एक शख्स ने मरीज के परिजन से दुष्कर्म की कोशिश की. यह घटना ऑर्थो वार्ड की है. ऑर्थो वार्ड में भर्ती एक महिला मरीज के परिजन के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश करने वाली तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो चुकी है. पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुटी है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपी की पहचान अब तक नहीं हो पाई है. अब तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पूरे मामले को लेकर SNMMCH के नोडल ऑफिसर सह एडीएम कुमार ताराचंद का कहना है कि इस तरह की घटनाओं का रिव्यू किया जा रहा है. सिक्योरिटी को मुस्तैद किया गया है. उन्होंने कहा कि डीसी की अध्यक्षता में एक बैठक की जाएगी.
अस्पताल में सुरक्षा को लेकर डॉक्टर्स की बैठक सुरक्षा को लेकर क्या पहल हुई?
जल्द ही अस्पताल में एक डिसप्ले बोर्ड लगाया जाएगा. इसमें तैनात सुरक्षाकर्मियों के नंबर उपलब्ध रहेंगे. वारदात की जानकारी फौरन लोग दिए गए नंबर पर दे पाएंगे. अस्पताल में कुल 87 सीसीटीवी कैमरे (CCTV) लगे हैं. इनका एक अलग से नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा, जिस पर 24 घंटे एक मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अस्पताल के अंदर अगर ऐसी घटनाएं घटती है, तो वहां मौजूद दूसरे लोग भी आगे आकर अपना विरोध जताएं और ऐसी वारदातों को रोकने में प्रशासन की मदद करें.
धनबाद स्थित एसएनएमएमसीएच अस्पताल अस्पताल में भीड़ हटाने की कवायद
वहीं, SNMMCH के प्रिंसिपल और डॉक्टरों का कहना है कि प्राइवेट एम्बुलेंस और ठेले वालों के चलते परिसर में अक्सर लोगों की भीड़ ज्यादा रहती है. इन्हें पहले अस्पताल परिसर से हटा दिया गया था, लेकिन पॉलिटिकल प्रेशर और एडमिनिस्ट्रेशन प्रेशर के चलते ये सभी फिर से धीरे-धीरे परिसर में अपनी दुकान लगाने लगे. इन्हें हटाने से ही भीड़ कम हो पाएगी. ऐसी घटनाओं पर विराम लगाना जरूरी है. ऑर्थो विभाग के एचओडी (HOD of Ortho Department) डॉक्टर डीपी भूषण ने कहा कि अस्पताल के गेट को खुला नहीं रखना चाहिए. एक या दो गेट खुले हों, उतना ही काफी है. साथ ही इन गेट्स पर गार्ड की तैनाती हो. हर आने-जाने वाले की पहचान रखी जानी चाहिए.
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सीसीटीवी से आरोपी की पहचान कर रही पुलिस
स्थानीय बीजेपी विधायक ने की निंदा
जिला पुलिस महिला कोसांग की काउंसलर और लीगल एडवाइजर लोपा मुद्रा ने कहा कि SNMMCH में आए दिन महिलाओं के साथ घटनाएं घट रही हैं. प्रशासन को चाहिए कि अस्पताल में भर्ती महिला मरीज और उनके परिजनों को विशेषकर रात के समय में सुरक्षा का ख्याल रखें. पुलिस और अस्पताल प्रबंधन को एक बैठक कर सुरक्षा पर निर्णय लेना चाहिए. इधर, बीजेपी विधायक राज सिन्हा (BJP MLA Raj Sinha) ने अस्पताल में हो रही घटनाओं को लेकर निंदा की. विधायक ने कहा कि अस्पताल परिसर में बाहरी लोगों का जमावड़ा लगा रहता है. सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है. हर किसी का अस्पताल के अंदर आना-जाना लगा रहता है. सरकार पर लोहा, कोयला और बालू में व्यस्त रहने का आरोप है.
पहले मामले में गिरफ्तार एंबुलेंस चालक उपायुक्त ने बैठक में सुरक्षा को लेकर की चर्चा
एक महीने के अंदर दो बार अस्पताल में महिला के साथ रेप और छेड़छाड़ जैसी घटना हो चुकी है, जिसको लेकर एक हाई लेवल टीम ने एसएनएमएमसीएच अस्पताल का दौरा कर सुरक्षा संबंधी मामलों का जायजा लिया है. धनबाद उपायुक्त संदीप सिंह (Dhanbad Deputy Commissioner Sandeep Singh) और एसएसपी संजीव कुमार समेत जिले के तमाम आलाधिकारियों ने इस दौरान बैठक कर तमाम पहलुओं पर चर्चा की. उपायुक्त संदीप सिंह ने बताया कि अस्पताल में सबसे पहले सुरक्षा कर्मियों कि संख्या बढ़ाई जाएगी और बेवजह अस्पताल में लोगों का जुटान ना हो, इस दिशा में काम किया जाएगा. जरूरत पड़ी तो मरीज के साथ एक अटेंडेंट को ही अनुमति दी जाएगी और उसके लिए भी पास जारी किए जाएंगे. साथ ही अस्पताल कैंपस में पुलिस आऊट पोस्ट बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अस्प्ताल की हर व्यवस्था को दुरुस्त करने की तैयारी है. कोविड की तीसरी लहर को लेकर भी डॉक्टरों के साथ चर्चा की है.