धनबाद: कोयलांचल के धनबाद स्टेशन के रेलवे यार्ड में कार्यरत एक जूनियर इंजीनियर ने एक ऐसा नॉनकॉन्टैक्ट थर्मामीटर बनाया है, जो सेंसर तकनीक की मदद से काम करेगा. उसके सामने खड़े होने के बाद खुद ब खुद ही लोगों के शरीर का तापमान बताएगा. ऐसे कई थर्मामीटर का निर्माण कर उन्होंने अन्य कई दूसरे यार्ड को दिए हैं, जहां लोग इसी के तहत जांच कर रहे हैं और कोरोना से बचाव कर रहे हैं.
पूरे विश्व में कोरोना का कहर चल रहा है. भारत में भी कोरोना लगातार पांव पसार रहा है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए लोग अलग-अलग तरीके ईजाद कर रहे हैं. इसी क्रम में धनबाद रेलवे स्टेशन के यार्ड में कार्यरत जूनियर इंजीनियर सुजीत कुमार और उनकी पूरी टीम ने मिलकर एक नॉनकॉन्टैक्ट थर्मामीटर बनाया है, जिसके सामने खड़े होने पर वह खुद ही लोगों का तापमान स्क्रीन पर बता देता है.
जबकि इसके पहले अक्सर यह देखा जाता था कि एक थर्मामीटर लेकर डॉक्टर की टीम या कोई भी व्यक्ति तापमान की जांच करता जाता था, लेकिन अब इससे छुटकारा मिल गया है. अब तापमान की जांच करने के लिए किसी को भी दरवाजे पर खड़े रहकर जांच करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
कोचिंग डिपो के अधिकारी मुकुंद बिहारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि पहले एक व्यक्ति थर्मामीटर के जरिए सभी लोगों की जांच करते थे. उन पर भी यह भय हमेशा बना रहता था की अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति है तो उसके संक्रमण में आने से उसे भी कहीं कोरोना न हो जाए, जिस कारण यार्ड में जूनियर इंजीनियर के साथ मिलकर एक ऐसा आविष्कार किया गया, जिससे किसी को थर्मामीटर को पकड़ने की जरूरत न पड़े और बगैर छुए ही तापमान जांच थर्मामीटर खुद-ब-खुद कर दे. ऐसा करने में पूरे ईसीआर में सबसे पहले यह कारनामा धनबाद ने कर दिखाया है.
वर्तमान में कुल 4 नॉनकॉन्टैक्ट थर्मामीटर बनाए गए हैं, जो अलग-अलग यार्डों को सौंपे गए हैं जिसमें पतरातू, राय, बरकाकाना और धनबाद यार्ड में इस प्रकार से रेलवे कर्मचारियों की जांच की जा रही है. रेलवे यार्ड में कार्यरत कर्मचारियों ने भी बताया कि इससे समय की भी बचत हो रही है, क्योंकि पहले तापमान जांच करवाने के लिए यार्ड में कार्यरत लगभग 200 लोगों को लाइन में लगकर जांच करवाना पड़ता था जिसमें काफी समय भी लगता था.
इसे भी पढें:-IIT-ISM का ताबड़तोड रिसर्च, अब डीप लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा कोरोना जांच
नॉनकॉन्टैक्ट थर्मामीटर को बनाने में कोचिंग डिपो के अधिकारी मुकुंद बिहारी, जूनियर इंजीनियर सुजीत कुमार, शिवकुमार प्रसाद, सुभाष आदि लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि यदि बड़े पैमाने पर इस प्रकार के निर्माण की तैयारियों के लिए विभाग की ओर से कहा जाएगा, तो उस पर भी विचार किया जा सकता है.