झारखंड

jharkhand

धनबादः कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे मजदूर, कोयलांचल में दिखा हड़ताल का असर

By

Published : Jul 2, 2020, 6:19 PM IST

केंद्र सरकार की कथित नीति के खिलाफ धनबाद में मजदूर यूनियनों की तीन दिवसीय हड़ताल की शुरुआत हो गई. पहले दिन ही हड़ताल का व्यापक असर दिखा और इस दाैरान कोलियरियों में उत्पादन और डिस्पैच पूरी तरीके से लड़खड़ा गया.

मजदूर यूनियन का प्रदर्शन.
मजदूर यूनियन का प्रदर्शन.

धनबाद: कोयलांचल धनबाद में गुरुवार को मजदूर यूनियन की देशव्यापी तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन ही हड़ताल का व्यापक असर दिख रहा है. जिले के विभिन्न इलाकों में सभी जगह हड़ताल का असर देखा जा रहा है. केंद्रीय पांचों ट्रेड यूनियनों के अलावा धनबाद में कार्यरत सभी लोकल मजदूर यूनियन भी इस हड़ताल में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले शामिल हैं.

तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन जिले की विभिन्न कोलियरी इलाके बाघमारा, निरसा, झरिया आदि सभी जगहों पर श्रमिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और चक्का जाम कर दिया, जिसके कारण कोलियरियों में उत्पादन और डिस्पैच पूरी तरीके से ठप रहा.

केंद्र सरकार पूंजीपतियों की कठपुतली
ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार चंद पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली बन गई है और धीरे-धीरे सभी सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में देने का षड्यंत्र रच रही है. उन्होंने कहा की केंद्र सरकार मजदूरों के हित में काम न करके मजदूरों के खिलाफ काम कर रही है. अगर कमर्शियल माइनिंग लागू हो जाती है तो लाखों की संख्या में मजदूरों की नौकरी जाएगी. मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे और उनके सामने भूखे से मरने की नोबत आ जाएगी.

इसे भी पढ़ें-रांचीः कोल माइंस की नीलामी को लेकर हड़ताल जारी, सरकार से फैसला वापस लेने की मांग

मजदूर नेताओं में बंदी को लेकर जोश
हड़ताल के पहले दिन मजदूर और मजदूर यूनियन के नेताओं में बंदी को लेकर काफी जोश दिखा और वह सुबह से ही कोलियरी इलाकों में बंदी के लिए पहुंच गए थे. हालांकि इसके बावजूद कहीं-कहीं आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा उत्पादन किए जाने की जानकारी भी आ रही है, जिसके बाद यूनियन नेताओं ने कहा कि उनसे भी बात करने का प्रयास किया जा रहा है और वहां भी काम बंद करवा लिया जाएगा.

कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू
केंद्र सरकार द्वारा बीते 18 जून को ही 41 कोल ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. केंद्र सरकार का कहना है कि कॉल ब्लॉकों की नीलामी से किसी मजदूर की नौकरी नहीं जाएगी, बल्कि नई नौकरियों का सृजन होगा. वार्ता के लिए श्रमिक संगठनों को बुलाया भी गया था, लेकिन बीते दिनों वार्ता के फेल हो जाने के बाद श्रमिक संगठन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पूरे देश में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी.

41 कोल ब्लॉकों में झारखंड के भी 8 कोल ब्लॉक शामिल हैं, जिनकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. हालांकि धनबाद में नीलामी प्रक्रिया में एक भी कॉल ब्लॉक शामिल नहीं है. हड़ताल में पांचों केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक और सीटू के अलावा स्थानीय मजदूर यूनियन भी शामिल रहा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details