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धनबाद: मोदी सरकार की FDI नीति का विरोध, कोलकर्मियों का आंदोलन - 100 फीसदी विदेशी निवेश नीति

कोयले की खनन पर 100 फीसदी एफडीआई लगाने की मंजूरी मिलने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 100 फीसदी विदेशी निवेश नीति को लागू करने का फैसला लिया है. जिसके बाद धनबाद के कई कोलियरियों के कोलकर्मीयों ने इस नीति के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं.

कोलकर्मियों का विरोध प्रदर्शन

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Published : Aug 29, 2019, 8:10 PM IST

धनबाद: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कोयले के खनन में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी दे दी है. जिसके बाद देश भर के कोल कर्मियों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम जिले के बीसीसीएल अंतर्गत गोधर, धनसार, कुसुंडा सहित कई कोलियरियों में बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के बैनर तले कोलकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए.

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कोयले के खनन पर 100 फीसदी विदेशी निवेश नीति पर विरोध प्रदर्शन कर रहे कोलकर्मियों का नेतृत्व बीसीकेयू के नेता हरि प्रसाद पप्पू ने किया. उन्होंने बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार एफडीआई लागू करके विदेशी निवेश को कोयला उद्योग में समाहित करना चाहती है. यह सरकार की मजदूर विरोधी नीति है. ऐसा करके सरकार कोल मजदूरों को आर्थिक गुलामी की ओर धकेलना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार को 100 फीसदी एफडीआई नीति को वापस लेना ही पड़ेगा. सरकार अगर इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो, आगे और भी उग्र आंदोलन के लिए संगठन हम बाध्य होंगे.

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कोयला उद्योग में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी पर देश के तमाम मजदूर यूनियनों ने विरोध जताया है. देश के सभी कोल-यूनियनों ने मिलकर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है. वहीं, कोलकर्मियों का यह विरोध प्रदर्शन कितना रंग लाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

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