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धनबाद में निजी अस्पताल ने शव को बनाया 'बंधक', लौटाने के लिए मांगे साढ़े चार लाख

झारखंड में फिर एक निजी अस्पताल की मनमानी सामने आई है. इलाज के लिए भर्ती कराई गई मरीज की मौत के बाद अस्पताल ने परिजनों को लंबा-चौड़ा बिल थमा दिया और बिल न चुकाने तक शव लौटाने से इंकार कर दिया.

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धनबाद में निजी अस्पताल ने शव को बनाया 'बंधक', लौटाने के लिए लगाया साढ़े चार लाख दाम

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Published : Jul 1, 2021, 2:28 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 3:17 PM IST

धनबादःझारखंड में निजी अस्पतालों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब धनबाद के एक निजी अस्पताल की इसी तरह की करतूत सामने आई है. पेट में शिकायत के बाद अस्पताल ले जाई गई महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस पर अस्पताल प्रबंधन ने उसके परिजनों को करीब साढ़े पांच लाख का बिल थमा दिया और बकाया साढ़े चार लाख रुपया देने तक शव देने से इनकार कर दिया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने मोटी रकम वसूली और लापरवाही भी की.


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पेट में दर्द के इलाज का बिल साढ़े पांच लाख

मामला धनबाद जिले के एशियन द्वारिका दास जलान मेमोरियल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का है. नंदलाल सोनी ने अपनी 52 वर्षीय पत्नी शीला देवी को इलाज के लिए जलान अस्पताल में 27 मई को भर्ती कराया था. परिजनों ने बताया कि महिला को पेट में तकलीफ थी. उनका आरोप है कि मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गई, जिससे उसकी मौत हो गई. एक तो मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गई, ऊपर से अनाप-शनाप बिल दिया जा रहा है. परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती के समय ही 85 हजार रुपये एडवांस जमा कराए थे. इधर मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने 5 लाख 50 हजकर का बिल थमा दिया, जिसमें 4 लाख 58 हजार रुपये बिल बकाया था. अस्पताल का बिल चुकता करने को लेकर प्रबंधन की ओर दबाव बनाया जा रहा है और बिल न चुकाने तक अस्पताल ने शव देने से इनकार कर दिया.

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और बढ़ने लगीं बीमारियां
परिजनों का कहना है कि पेट में शिकायत पर उसे जलान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भर्ती कराने के वक्त कहा गया था कि 85 हजार रुपये जमा कर दीजिए, एक ऑपरेशन के बाद मरीज ठीक हो जाएगी. ऑपरेशन के बाद अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से नई-नई बीमारियों का जिक्र किया जाने लगा. एक महीने से डॉक्टर बिल बढ़ाने को लेकर परेशान करते रहे.
यूटरस और ब्लड प्रेशर की समस्या
वहीं, अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि जिस महिला की मौत हुई है, भर्ती कराने के वक्त उसकी हालत गंभीर थी. महिला का पेट काफी फूला हुआ था. परिजनों को महिला की बीमारी से पूरी तरह से अवगत करा दिया गया था. महिला के यूटरस में भी समस्या थी, ब्लड प्रेशर काफी डाउन था. लगातार दवाइयां चलाने के बावजूद भी ब्लड प्रेशर में सुधार नहीं हुआ है. अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं किया. शव रोककर रखे जाने का आरोप बेबुनियाद है.
Last Updated : Jul 1, 2021, 3:17 PM IST

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