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झरिया में पानी पर सियासी पारा गर्म, कांग्रेस और बीजेपी में योजना को लेकर घमासान

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Published : Mar 15, 2021, 6:28 PM IST

Updated : Mar 16, 2021, 6:42 PM IST

धनबाद के झरिया में पानी की समस्या अभी भी बरकरार है. वहीं इस समस्या पर शुरू की गई योजना पर राजनीति घमासान भी शुरू हो गया है. झरिया में पानी की योजनाओं को लेकर किस कदर सियासी घमासान मचा हुआ. देखिए इस रिपोर्ट में...

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झरिया में पानी पर सियासी पारा गर्म

धनबादः सरकार आई गई और नई सरकार बनी, लेकिन झरिया में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. फिर पानी के लिए बनाई गई करोड़ों की योजना बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस की, धरातल पर उतरने से पहले ही योजना पर सियासी घमासान शुरू हो जाता है. झरिया में पानी की योजनाओं को लेकर किस कदर सियासी घमासान मचा हुआ. देखिए इस रिपोर्ट में...

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पानी जलापूर्ति योजना का भूमिपूजन
झरिया की जनता पानी के लिए दशकों से प्यासी है. पानी नहीं तो कुछ भी नहीं है. पानी की योजनाएं धरातल पर उतरने से पहले सियासी घमासान होना स्वाभाविक है, क्योंकि पानी यहां की सबसे बड़ी समस्या है. गर्मी करीब-करीब आ चुकी है, लेकिन गर्मी के पूरी तरह से आने से पहले ही झरिया की राजनीति में पानी को लेकर सियासी पारा कई गुना बढ़ चुका है.

रघुकुल की बहू सह झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने हाल ही में जामाडोबा में पानी जलापूर्ति योजना का भूमिपूजन कर योजना की आधारशिला रखी. विधायक ने कहा कि शहर में पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी. पहली की दुर्व्यवस्था को सुधारने का काम किया जा रहा है, कार्य पूरा होने के बाद लोगों को अब पानी मिल सकेगा.


रघुवर दास ने किया था योजना का शिलान्यास
वहीं पूर्व मेयर सह भाजपा नेता चंद्रशेखर अग्रवाल का कहना है कि 3 साल के अथक प्रयास के बाद इस योजना की डीपी की तैयार की गई थी, हर घर को पानी देने के लिए कंसल्टेंट कंपनी की नियुक्ति की गई थी, 15 अक्टूबर को 2019 को निगम की ओर से प्रक्रिया पूरी कराए जाने के बाद 16 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस योजना का शिलान्यास किया था.

2 साल में इस योजना को पूरा किया जाना था, 111 करोड़ डीएमएफटी फंड और निगम और माडा की बाजार फीस की 200 करोड़ यानी कुल मिलाकर 311 करोड़ की यह जलापूर्ति योजना थी, लेकिन हेमंत सरकार ने इस कार्य पर रोक लगा दी. कार्य के भुगतान राशि को बंद कर दिया.

चुनाव में जनता को किया गया गुमराह
पूर्व मेयर ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इसका भूमिपूजन करने के बजाय आगे इस योजना का काम अक्टूबर तक कराकर योजना को धरातल पर लाएं, ताकि लोगों को पानी मिल सके. इस योजना पर कोई भी राजनीति नहीं होनी चाहिए. वहीं झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी सह भाजपा नेता रागिनी सिंह ने कहा कि जिस तरह चुनाव में जनता को गुमराह किया गया, एक बार फिर से विधायक पूर्णिमा सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की योजना का भूमिपूजन कर लोगों गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

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सीएम से कराया राशि का आवंटन
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बृजेंद्र सिंह ने कहा कि रघुवर दास ने कब इसका शिलान्यास किया, किसी को इस बात की जानकारी नहीं है, यदि किया तो राशि का आवंटन क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा विधायक पूर्णिमा सिंह ने अथक प्रयास कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राशि का आवंटन कराया, उसके बाद टेंडर के माध्यम से ठेकेदार की नियुक्ति की गई. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की ओर से लोगों को गुमराह किया जा रहा है. विधायक पूर्णिमा सिंह ने किसी योजना का अतिक्रमण नहीं किया है.


भाजपा और कांग्रेस की राजनीति
वहीं, स्थानीय लोगों ने पानी की समस्या की बताते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस की राजनीति चलती रहेगी. पानी के कारण जो परेशानी उठानी पड़ती है, उसे प्रतिनिधि नहीं समझ सकते हैं. सप्ताह में दो दिन ही पानी मिल पाता है, प्रतिनिधियों को पानी की समस्या को अविलंब दूर करना चाहिए, न कि इस मुद्दे पर राजनीति करनी चाहिए.

Last Updated : Mar 16, 2021, 6:42 PM IST

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