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धनबादः मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों ने वोट बहिष्कार का लिया फैसला, नेताओं की एंट्री पर लगायी रोक - झरिया के लोगों का वोट बहिष्कार

झरिया विधानसभा क्षेत्र के सुराटांड़ स्थित शिवनगर बस्ती में प्रवेश करने वाले मुख्य रास्ते के ऊपर एक बैनर लगा हुआ, जसमें लिखा हुआ है कि सड़क, बिजली और पानी नहीं तो वोट नही. ग्रामीणों का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव में वे अपना वोट किसी भी प्रत्याशी को नहीं देंगे और न ही यहां किसी नेता को आने देंगे.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों ने वोट बहिष्कार का लिया फैसला

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Published : Nov 22, 2019, 8:47 AM IST

धनबाद: मूलभूत सुविधाओं से वंचित झरिया विधानसभा के सुराटांड़ के लोगों ने वोट बहिष्कार करने का फैसला लिया है. बैनर-पोस्टर लगाकर लोगों ने बस्ती में नेताओं की नो एंट्री लगा दी है. यह फैसला करीब 1 हजार 56 मतदाताओं का है. अब तक किसी नेता ने यहां एंट्री नहीं ली है.

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सड़क, बिजली और पानी नहीं तो वोट नहीं

झरिया विधानसभा के सुराटांड़ स्थित शिवनगर बस्ती में प्रवेश करने वाले मुख्य रास्ते के ऊपर एक बैनर लगा हुआ, जसमें लिखा हुआ है कि सड़क, बिजली और पानी नहीं तो वोट नहीं. बस्ती में प्रवेश करने से पहले इस बैनर पर सभी की एक नजर जरूर पड़ती है. बैनर में लिखी सच्चाई के बारे में जब ईटीवी भारत की टीम ने बस्ती के लोगों से जनना चाहा तो यहां के रहनेवाले लोगों ने बताया कि शिक्षा सबसे अहम है, लेकिन यहां एक भी स्कूल नही है. बच्चों को पढ़ने के लिए दो से तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

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सड़क पर बहता है गंदा पानी

लोगों का कहना है कि पहले यहां एक सरकारी स्कूल था, जिसे अन्य स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है. बच्चों को पढ़ने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पानी के लिए एक नल का कनेक्शन है, जिसमें आए दिन पानी की सप्लाई नहीं होती है. नालियां नहीं बनायी गयी है. इस वजह से सड़क पर गंदा पानी बहता है. स्ट्रीट लाइट नहीं लगाया गया है. कई बार लोगों ने शौचालय बनाने की मांग की, लेकिन निराशा हाथ लगी.

कई तरह की समस्याओं का करना पड़ता है सामना

ग्रामीणों का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव में वे अपना वोट किसी भी प्रत्याशी को नहीं देंगे और न ही यहां किसी नेता को आने देंगे. बस्ती में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही नालियों की. कई तरह की समस्याओं का सामना उन्हें अपनी दिनचर्या में करना पड़ता है. उनका कहना है कि आज तक कोई भी नेता उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है. इसलिए इस चुनाव में वे अपना वोट किसी भी प्रत्याशी को नहीं देंगे.

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