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साहब! एक हजार की पेंशन से नहीं होता गुजारा, किसी काम नहीं आ रहे मेडल - धनबाद समाचार

राष्ट्रीय पैरा एथलीट अजय कुमार पासवान ने समाहरणालय में उपायुक्त से मुलाकात की. इस दौरान अपनी आर्थिक परेशानियों की जानकारी दी. राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत चुके हैं, लेकिन उसके मुताबिक उन्हें सम्मान नहीं मिल पा रहा. अजय पासवान ने नौकरी दिलाने की मांग की है.

DC in Collectorate Dhanbad
राष्ट्रीय पैरा एथलीट अजय कुमार पासवान ने परेशानी बताई

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Published : Dec 10, 2021, 7:21 PM IST

धनबाद: आर्थिक परेशानियों से तंग राष्ट्रीय पैरा एथलीट ने मेडल बेचने की चेतावनी दी है. कतरास मलकेरा 4 नंबर निवासी अजय कुमार पासवान ने मेडल के साथ समाहरणालय में उपायुक्त से मुलाकात की और अपनी दिक्कतें बताईं.

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शुक्रवार को दिव्यांग राष्ट्रीय पैरा एथलीट अजय कुमार पासवान ने उपायुक्त को बताया कि वह बेहद गरीब है. सरकार से प्रतिमाह 1000 रुपये पेंशन मिलती है, जो काफी नहीं है. घरवालों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. उनके पास मेडल बेचने के सिवाय कोई चारा नहीं है. दिव्यांग ने बताया कि उसके पिता टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं. घर चलाने के लिए कोई और सदस्य नहीं है. पैरा एथलीट अजय पासवान ने उपायुक्त को ज्ञापन देकर नियोजन की मांग की है.

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बोलने में असमर्थ है दिव्यांग

बोलने में असमर्थ अजय के साथ उपायुक्त कार्यालय आई उनकी बहन ने बताया कि अजय राज्यस्तरीय एवं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले चुका है, जिसमें उसने दो दर्जन से अधिक मेडल जीते हैं. साल 2017 में अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उसे बेलारूस जाने का भी अवसर मिला. हालांकि पैसे के अभाव में नहीं जा सका.

अजय का प्रदर्शन

अजय 2014 में दुमका की खेल स्पर्धा में, टाटा जमशेदपुर में गोल्ड मेडल जीत चुका है. पटना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, शिमला, गुजरात में सिल्वर, हरियाणा में कांस्य पदक जीत चुका है.

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