धनबाद: कांग्रेस के कद्दावर नेता और बेरमो विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन से पूरे कोयलांचल में शोक की लहर है. विधायक और मंत्री से ज्यादा मजदूर नेता के तौर पर उनकी विशेष रूप से पहचान थी. वह बेरमो विधानसभा से 6 बार विधायक रह चुके हैं. साथ ही एकीकृत बिहार और झारखंड में भी मंत्री पद पर रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनकी कमी हमेशा खलेगी. उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है.
अनुभवी नेताओं में थे शुमार
धनबाद के कांग्रेस नगर अध्यक्ष और इंटक के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य वैभव प्रसाद सिन्हा ने कहा कि राजेंद्र सिंह की कमी हमेशा ही यहां के मजदूर वर्ग को खलेगी. वो मजदूरों के हक के लिए किसी हद तक जाने को तैयार हो जाते थे. कई बार वह मजदूरों की लड़ाई को अपने ऊपर ले लेते थे, ताकि मजदूरों के हक को नहीं मारा जा सके. उन्होंने कहा कि वह काफी अनुभवी नेताओं में से एक थे. कांग्रेस में भी किसी प्रकार की अंदरूनी कलह होने पर वह वहां पर भी मध्यस्थता करते थे. उनकी कमी हमेशा ही खलेगी.
एम्स में चल रहा था इलाज
वैभव सिन्हा ने बताया कि लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे. कुछ दिन पहले ही उन्हें एयरलिफ्ट से दिल्ली इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अपनी अंतिम सांसें ली. उन्होंने कहा की उनके पार्थिव शरीर को बेरमो स्थित उनके आवास में लाया जाएगा, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी. वहीं, झरिया के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि राजेंद्र सिंह काफी अनुभवी नेता थे. विधानसभा में भी उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला. उनसे अभी बहुत कुछ सीखना भी था, लेकिन शायद यह ऊपरवाले को मंजूर न था और वह बीच रास्ते में ही हम सभी को छोड़ कर चले गए. इसका दुख है.