धनबाद: झारखंड की राजनीति में इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता छाए हुए हैं. वायरल वीडियो के बाद स्वास्थ्य मंत्री पर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय आक्रमक हो गये हैं. दूसरी ओर से मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी शायरना अंदाज में सरयू राय को निशाने पर लिया है.
सरयू के आरोपः इससे पहले भी विधायक सरयू राय दवा खरीद मामले में भ्रष्टाचार का आरोप स्वास्थ्य मंत्री पर लगा चुके हैं. सरयू राय ने कहा कि बन्ना गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इस मामले में वे कई सबूत विधानसभा में दे चुके हैं. लेकिन कांग्रेस के दबाव में हेमंत सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है. मुख्यमंत्री का अपने कैबिनेट पर नियंत्रण नहीं है, कांग्रेस के मंत्री उनके नियंत्रण से बाहर हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कांग्रेस के भ्रष्टाचार करने वाले मंत्री पर हिम्मत करके कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे मुद्दों पर कांग्रेस को मुख्यमंत्री सेकहना चाहिए कि आप कार्रवाई करें नहीं तो समर्थन वापस ले लेंगे. विधानसभा में हेमंत सोरेन को समर्थन देने वाले विधायक अपने आप आगे आ जाएंगे.
इसके अलावा सरयू राय ने जमशेदपुर के भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने बन्ना गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए, लेकिन उसके बाद कोई बयान आज तक उनकी ओर से नहीं दिया गया. जमशेदपुर की बीजेपी कमेटी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की पॉकेट कमेटी बनकर रह गयी है.
मंत्री बन्ना गुप्ता का पलटवार वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शायराना अंदाज में सरयू राय पर कहा कि छोड़िए न इन सब बातों के 'सस्ती महंगी बिकती हैं अफवाह बाजारों में, मानवता का दम घुटता है चांदी की दीवारों में. मंत्री ने कहा कि जो लोग हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं वो लोग विरासत की राजनीति करने वाले लोग हैं और मैं हिरासत की राजनीति करने वाला हूं.
आगे मंत्री ने कहा कि मैं हिरासत में रहकर, मार खाकर, जेल जाकर, लड़कर, गरीबी की आवाज उठाकर, पिटाकर-कुटाकर नेता बना हूं. मेरे बाप-दादा या परिवार में कोई नेता नहीं है. इसलिए जो लोग विरासत की राजनीति करते हैं वो हिरासत की राजनीति नहीं समझ सकते हैं. इसलिए मैं न डरने वाला हूं, न झुकने वाला हूं और न ही दबने वाला हूं. कोई मेरा बाल बांका नहीं कर सकता है. मुझको प्यार करने वाले लोग, मुझे जानने वाले लोग, जिन्होंने मेरा बचपन देखा है. जेल, केस, मुकदमा और गरीबी के लिए लड़ते हुए, टेंपू वाला, रिक्शा वाला, ठेला वाला, गुमटी वाला, गरीब की आवाज को मजबूती से लड़कर यहां तक पहुंचा हूं. मेरी जो खासियत है या मेरी जो पहचान है वो पहचान सब लोग जानते हैं. इसलिए किसी की घुड़की से हम डरने वाले नहीं हैं. मैं कोई बकरी का बच्चा नहीं कि गले में रस्सा डाला और ले जाकर थाना में बंद कर दिया.