धनबाद: कोयलांचल को देश की कोयला राजधानी कहते है, यहां से जहां बड़े पैमाने पर कोयले का उत्पादन होता है वहीं कोयले का अवैध कारोबार भी फल फूल रहा है. गैर कानूनी कारोबार की वजह से सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान भी होता है. अब इसी कारोबार के खिलाफ जिला खनन टास्क फोर्स ने कार्रवाई की है जिसमें हजारों टन कोयला जब्त किया गया है.
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जिला खनन विभाग की और से इस इलाके में लगातार दो दिन छापेमारी की गई. इस कार्रवाई के दौरान कई अवैध कोयला डीपो को बंद कर दिया गया है. विभाग की इस एक्शन से अवैध कोयला कारोबारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है.
इस छापेमारी के दौरान जिला खनन टास्क फोर्स ने हजारों टन कोयला जब्त किया है. इसके साथ ही अवैध डिपो को बंद कर दिया गया है. इससे अवैध कोयला कारोबारियों के बीच हड़कंप मच गया है. खनन निरीक्षक सुनील कुमार ने बताया कि अवैध कोयला कारोबारियों की ओर से पिछले 5 साल में 116 करोड़ से अधिक रुपये की लेनदेन की है. इसमें सरकार को 16 करोड़ 27 लाख रुपये राजस्व की क्षति हुई है. उन्होंने बताया कि बिना लाइसेंस के अवैध रूप से डिपो संचालित किया जा रहा था. डिपो के अंदर चल रहे क्रेशर के कागजात और लाइसेंस से संबंधित कागजात कारोबारी प्रस्तुत नहीं कर सके. इसके साथ ही खनन विभाग ने निरसा थाने को लिखित आवेदन दिया है, जिसमें कहा है कि डिपो को बंद करना है. सुनिल कुमार ने बताया कि डीपो के संचालक अरुण कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, ताकि रॉयल्टी वसूल किया जा सके.
खंगाला गया डीपो का रिकॉर्ड
छापेमारी के दौरान खान निरीक्षक दिलीप कुमार और सुनील कुमार के साथ-साथ निरसा बीडीओ और निरसा थाने की पुलिस मौजूद थी. करीब 4 घंटे तक चली इस छापेमारी के दौरान डीपो के रिकॉर्ड खंगाला गया, जिसमें कुछ अहम साक्ष्य मिले है. इसकी जांच में खनन विभाग की टीम जुटी है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.