धनबादःबीसीसीएल में सामग्री आपूर्ति कराने वाले सप्लायर्स इन दिनों बेहद परेशान हैं. उन्हें बेरोजगार होने की चिंता सता रही है. पूर्व में बीसीसीएल में जो नियम थे, उसे प्रबंधन ने बदलकर जेम पोर्टल और ई-टेंडर के माध्यम से सामग्री की खरीदारी कर रही है. इससे स्थानीय सप्लायर वंचित हो रहे हैं. बड़े व्यवसायी ई-टेंडर के माध्यम से सामग्री की सप्लाई कर रहे हैं. जिसके विरोध में शनिवार को सप्लायर्स ने बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया और कंपनी की नीतियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की.
Protest In Dhanbad: लोकल सप्लायर्स ने बीसीसीएल में ई-टेंडर का किया विरोध, कोयला भवन के समक्ष दिया धरना - धनबाद न्यूज
धनबाद के लोकल गुड्स सप्लायर्स ने बीसीसीएल प्रबंधन पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. सप्लायर्स का कहना है कि बुरे वक्त में हमने बीसीसीएल का साथ दिया, लेकिन समय बदलते ही कंपनी अब सामग्री की खरीदारी के लिए ई-टेंडर निकाल रही है. ऐसे में लोकल गुड्स सप्लायर्स बेरोजगार हो जाएंगे. कंपनी की नीतियों के विरोध में धरना के माध्यम से सप्लायर्स ने अपनी मांगें रखी हैं.
पांच लाख तक की खरीदारी के लिए लोकल टेंडर निकालने की मांगः सप्लायर्स ने धरना के माध्यम से पांच लाख तक सामग्री की खरीदारी के लिए लोकल टेंडर निकालने की मांग की है. धनबाद डिस्ट्रिक्ट डीलर एसोसिएशन के सदस्यों ने बीसीसीएल कोयला भवन मुख्यालय के सामने बीसीसीएल में पांच लाख तक की खरीददारी पर लोकल टेंडर की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. धरना में स्थानीय दर्जनों दुकानदार और निवेदक शामिल हुए.
बुरे वक्त में कंपनी का दिया था साथःवहीं धरना में बैठे स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि जिस समय बीसीसीएल की स्थिति अच्छी नहीं थी, तब हमने कंपनी का साथ दिया. दुकानदारों ने कहा कि जब कोरोनाकाल में लोग घरों के बाहर नहीं निकल रहे थे वैसे समय में उनलोगों ने बीसीसीएल को बढ़-चढ़कर मदद की. आज स्थिति सुधरते ही बीसीसीएल ई-टेंडर निकाल कर हमें बेरोजगार कर रही है. कंपनी की यह नीति सही नहीं है.
कई बार सीएमडी से की गई वार्ता, पर नहीं हुई पहलः इस दौरान धरना पर बैठे दुकानदारों ने कहा कि बीसीसीएल के सीएमडी से मामले को लेकर कई बार वार्ता की गई, लेकिन उन्होंने कोई पहल नहीं की. शनिवार को सांकेतिक धरना के माध्यम से अपनी मांग से अवगत करा रहे हैं. अगर इसके बाद भी स्थानीय दुकानदारों की मांगें नहीं पूरी की गई तो रणनीति तय कर आंदोलन करने को बाध्य होंगे.