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Language Controversy in Jharkhand: अपनी भाषा के हक पर हल्लाबोल, विधायकों के मौन पर फूट पड़े युवाओं के विरोध के स्वर - धनबाद समाचार

झारखंड में भाषा विवाद की तपिश बढ़ती जा रही है. भोजपुरी-मगही को क्षेत्रीय भाषा बनाए जाने की आंच अब विधायकों-मंत्रियों के घरों तक पहुंचने लगी है. झारखंड यूथ एसोसिएशन भोजपुरी-मगही को क्षेत्रीय भाषा बनाए जाने के विरोध में उतर आया है. इससे नाराज संगठन के सदस्यों ने धनबाद के बिरसा चौक पर 11 विधायकों का पुतला फूंका.

Language Controversy in Jharkhand
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Published : Dec 31, 2021, 10:20 AM IST

बोकारोः झारखंड में भाषा विवाद की तपिश बढ़ती जा रही है. भाषा विवाद की आंच से अब कोयलांचल भी झुलसने लगा है, जिसकी आंच सत्तारूढ़ दल के विधायकों का तो इम्तिहान ले ही रही है, विपक्ष भी इससे अछूता नहीं है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए जाने के विरोध में झारखंड यूथ एसोसिएशन के बैनर तले युवाओं ने प्रदर्शन किया. बोकारो के नया मोड़ स्थित बिरसा चौक के पास धनबाद बोकारो के विधायकों का पुतला फूंका. वहीं दो जनवरी को नए साल 2022 में भी इसके विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया.

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झारखंड यूथ एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने भोजपुरी-मगही को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए जाने पर पक्ष-विपक्ष के तमाम विधायकों के मौन धारण करने का विरोध किया और धनबाद बोकारो से आने वाले 11 विधायकों का पुतला फूंका. इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री भी शामिल रहे. इस पुतला दहन कार्यक्रम में मौजूद तमाम युवाओं ने एक स्वर से हेमंत सोरेन की सरकार पर झारखंडी युवाओं का हक मारने का आरोप लगाया. मीडिया से बात करते हुए इसकी अगुवाई करने वाले तीर्थ नाथ आकाश ने कहा कि जो मुख्यमंत्री कुछ दिन पहले भोजपुरी बोलने वालों को राज्य में डोमिनेटिंग व्यक्ति बता रहे थे, आज मुख्यमंत्री की 'मति कैसे भ्रष्ट हो गई'.

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नए साल का जश्न नहीं मनाएंगेः युवा

तीर्थ नाथ आकाश ने कहा कि जैसी जानकारी मिल रही है कि मुख्यमंत्री के बगल में हमेशा साथ रहने वाले प्रेस सलाहकार सहित अन्य लोग इस तरह का आदेश निकलवाने का काम कर रहे हैं. इसमें कांग्रेस भी भागीदार है. विपक्षी विधायक भी कोयलांचल का हक छीने जाने पर मौन धारण किए हुए हैं. इस मौन के विरोध में उनका मौन व्रत तुड़वाने के लिए पुतला दहन का कार्यक्रम रखा गया है. हम आगे भी विरोध करते रहेंगे और इस बार धनबाद बोकारो के झारखंडी युवा नए साल का जश्न नहीं मना कर विरोध करने का काम करेंगे.

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