धनबाद. पूरे झारखंड के साथ-साथ कोयलांचल में भी कर्मा पूजा की धूम देखने को मिल रही है. जिले के सरायढे़ला स्थित शिव मंदिर प्रांगण में करम महोत्सव का आयोजन किया गया. इसमें लड़कियों द्वारा झारखंडी लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया.
कोयलांचल में करम महोत्सव की धूम, झारखंडी नृत्य ने लोगों का मोहा मन - karam festival in jharkhand
धनबाद में करम महोत्सव का आयोजन किया गया. इसमें लड़कियों द्वारा झारखंडी लोकनृत्य प्रस्तुत किया गया. इस दौरान लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली.
करम महोत्सव के दौरान लोगों की काफी भीड़ देखने को मिली. करम पूजा करने वाली लड़कियों द्वारा कई लोकनृत्यों की प्रस्तुति की गई. लड़कियों ने कहा कि भैया के द्वारा खोतों में जो फसल लगायी जाती है, वह सावन महीने में लहलहा उठती है. भैया की मेहनत पर खुशी जाहिर करते हुए बहन यह करम पूजा करती हैं. लकड़ियों ने कहा कि नदी के तट से डलिया में बालू भरकर उसमें कुर्थी बुनकर घर ले आने के बाद सुबह शाम नृत्य और गीत गाकर पूजा-अर्चना की जाती है.
करम महोत्सव के आयोजक गणपत महतो ने बताया कि यह झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर है. झारखंड के आदिवासी मूलवासियों के द्वारा परंपरागत तरीके से प्रत्येक साल इस पर्व को मनाया जाता है. यह पर्व प्राकृतिक सृजन शक्ति का प्रतीक माना जाता है. भाई और बहन के प्रगाढ़ प्रेम को यह पर्व दर्शाता है. बेटियां करम डाली की पूजा कर भाई की लंबी उम्र की कामना ईश्वर से करती हैं.