धनबादः यूक्रेन में फंसे झारखंड सहित विभन्न राज्यों के छात्र-छात्राएं काफी डरे सहमे हैं. इन छात्र-छात्राओं ने एक वीडियो जारी कर अपनी परेशानियों का जिक्र करते हुए सरकार से मदद की गुहार लगाई है. इन छात्रों ने कहा कि पैदल चलने वाले लोगों को बॉर्डर भी क्रॉस नहीं करने दिया जा रहा है. गाड़ी वाले लोगों को ही बॉर्डर पार करने दिया जा रहा है. भारत सरकार मदद कर बॉर्डर क्रॉस करवा दें ताकि वो सुरक्षित वतन लौट सके.
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छात्र-छात्राओं की ओर से जारी वीडियो में झारखंड के धनबाद से सद्दाम, उत्तर प्रदेश के लखनऊ से खुशी और श्रुति उत्तराखंड से ऋषभ, हरियाणा से अंजली, पंजाब से हंसी और दिल्ली से अरविंद शामिल हैं. ये सभी छात्र-छात्राएं यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं और नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं. वो कहते हैं कि प्रत्येक दिन सुबह 6 बजे एक सायरन बजता है. इसके बाद बंकर में भागना पड़ता है, उन्हें रहने-खाने और सोने में कठिनाई हो रही है.
वीडियो में छात्र कहते हैं कि 20 किलोमीटर चलकर पुलन बॉर्डर के लिए निकले थे. लेकिन वहां से बॉर्डर क्रॉस करने की इजाजत नहीं दी गई. पैदल चलने वालों को रोक दिया गया और जो लोग वाहन में सवार थे, उन्हें जाने की इजाजत दी गई. इससे उन लोगों को फिर से वापस आना पड़ा. दुतावास की ओर से एक निर्देश मिला कि सेनी मेडिका बॉर्डर की तरफ बढ़ना है. लेकिन यूनिवर्सिटी से सूचना दी गई कि 23 से 40 किलोमीटर की लंबी लाइन है.
छात्र कहते हैं कि ठंड काफी बढ़ा हुआ है. तापमान शून्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस नीचे है. इस कड़ाके की ठंड के बावजूद वापस लौटकर अपने यूनिवर्सिटी पहुंचे है. उन्होंने कहा कि एंबेसी से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. यूनिवर्सिटी से बोर्डर तक पहुंचने के लिए खुद के रिस्क पर जाना पड़ता है. हम आखिर कैसे इसमें सफल हो सकते हैं. छात्रों ने सरकार से तत्काल वतन वापसी की गुहार लगाइ है.