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झारखंड क्रशर और माइंस ऑनर एसोसिएशन की मांगः पत्थर से वाहन टोल टैक्स खत्म करे सरकार

झारखंड क्रशर और माइंस ऑनर एसोसिएशन ने सरकार से पत्थर से वाहन टोल टैक्स खत्म करने की मांग की है. धनबाद के गोविंदपुर में राज्यस्तरीय बैठक में कहा गया कि प्रति वाहन टोल टेक्स सरकार खत्म करे नहीं तो उन्हें कोर्ट की शरण में जाना होगा.

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टोल टैक्स

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Published : Feb 6, 2022, 9:23 PM IST

धनबाद: झारखंड क्रशर और माइंस ऑनर एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक धनबाद के गोविंदपुर में रविवार को एक निजी होटल में संपन्न हुई. इस बैठक में पत्थर कारोबारियों की समस्याओं पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया. बैठक का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद सिंह एवं सचिव पंकज कुमार सिंह ने किया. इस मौके पर झारखंड क्रशर और माइंस ऑनर एसोसिएशन ने सरकार से पत्थर से वाहन टोल टैक्स खत्म करने की मांग की है.

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इस बैठक में राज्यभर से आए पत्थर खदान और क्रशर व्यवसायियों ने राज्य सरकार के द्वारा लगाए गए प्रत्येक वाहनों पर टोल टैक्स का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की है. साथ ही कहा है कि एक ही प्रोडक्ट के लिए कई बार सरकार को टैक्स देने की अनिवार्यता से निजात मिलनी चाहिए. इसके लिए सरकार के स्तर पर एसोसिएशन बातचीत करेगी और अगर इसके बाद भी मामला नहीं सुलझा तो न्यायालय का सहारा लिया जाएगा. मीडिया से बात करते हुए व्यापारियों ने कहा कि दूसरे राज्यों में टैक्स बहुत ही कम है लेकिन झारखंड में इसके ठीक विपरीत है.

वहीं मीडिया से बात करते हुए एसोसिएशन अध्यक्ष और सचिव ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा प्रत्येक वाहनों पर 1200 रुपये के हिसाब से टोल टैक्स के रूप में रॉयल्टी लगाया गया है जो कि अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है. ऐसे में हमारा स्टोन महंगा हो जाएगा और इससे हमारी मांग घट जाएगी. इसके अलावा कई खदानों का लीज अवधि मार्च में समाप्त हो रहा है और सरकार नवीनीकरण के दिशा में जल्द पहल करें नहीं तो व्यवसायियों को परेशानी होगी. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पर्यावरण संरक्षण और पॉल्यूशन डिपार्टमेंट के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइंस समेत कई अन्य नियमों का शत-प्रतिशत पालन पत्थर व्यवसायियों के द्वारा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह कार्य प्रदूषण विभाग और माइनिंग विभाग का है कि वह समय-समय पर इसकी जांच पड़ताल करे. उन्होंने कहा कि कई जगह खामियां जरूर दिखती है जिसका अनुपालन कराना माइनिंग विभाग का काम है.

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