धनबादः 34 महीने के बकाया वेतन की मांग और छठा वेतन निरस्त किए जाने के विरोध में झमाडा कर्मियों ने झरिया के जामाडोबा वाटर बोर्ड के समक्ष जोरदार प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के कारण झरिया समेत कई इलाकों में पानी के लिए आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. लोगों को होने वाली इस परेशानी के लिए झमाडा कर्मियों ने विभाग के वरीय अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.
धनबादः झमाडा कर्मी गए हड़ताल पर, शहर में पानी के लिए मच सकता है हाहाकार
धनबाद में बकाये वेतन की मांग और छठा वेतन निरस्त किये जाने के विरोध में झमाडा कर्मियों ने वाटर बोर्ड के सामने जमकर विरोध किया. विरोध प्रदर्शन के बाद वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
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पानी की सप्लाई बंद
झमाडा जल संयंत्र केंद्र जामाडोबा के कर्मियों ने छठा वेतन समझौता लागू करने और 34 माह के बकाये वेतन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मियों ने कहा कि कई आंदोलन के बाद छठा वेतनमान मिला, लेकिन महज एक वेतन भुगतान के बाद फिर इसे बंद कर दिया गया. जबकि इसी माडा के पैसे सारे अधिकारियों को सातवें वेतनमान का भुगतान हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पानी की सप्लाई बंद कर दी है. पानी के लिए जनता को जो परेशानी उठानी पड़ेगी, उसके लिए नगर सचिव और एमडी जिम्मेवार होंगे. कर्मियों का कहना है कि जलदर में वृद्धि होने के बाद झमाडा की वित्तीय स्थिति पहले से बेहतर हो चुकी है. बाजार फीस की राशि भी विभाग में आ रही है. आखिर कर्मियों को छठा वेतनमान भुगतान करने में कोताही विभाग के अधिकारी क्यों कर रहे हैं. चेतवानी भरे लहजे में कर्मियों ने कहा जबतक मांग पूरी नहीं होती तबतक यह हड़ताल जारी रहेगा.