धनबाद: आईआईटी-आईएसएम धनबाद नए-नए आविष्कार के लिए जाना जाता है. अनगिनत अनोखे आविष्कार संस्थान ने किए हैं. इस बार संस्थान ने एक ऐसी अनोखी पहल की है. जिससे महज कुछ ही घंटों में गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा. जिससे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समस्या से निजात मिलेगी.
संस्थान के एनवायरमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसके गुप्ता और स्कॉलर छात्रों की टीम ने एक रैपिड ऑर्गेनिक वेस्ट स्टेबिलाइजर विकसित किया है. जिसकी मदद से महज 3 से 4 घंटे में ही गीला कचरा को खाद में बदल दिया जाएगा. इसकी शुरुआत संस्थान के एक हॉस्टल में कर दी गई है.
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समस्या से मिलेगी मुक्ति
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रोफेसर एसके गुप्ता ने बताया कि एनवायरमेंटल पोलूशन के बाद पूरे देश की सबसे बड़ी समस्या सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट है. इस तकनीक से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी. उन्होंने बताया कि सब्जियों का छिलका और बचा हुया खाना जैसे गीला कचरा को मशीन में डालने के बाद महज 3 से 4 घंटे में खाद बनाया जाएगा. उन्होंने कहा की रैपिड ऑर्गेनिक वेस्ट स्टेबलाइजर को ओपल हॉस्टल में लगाया गया है जहां पर इस मशीन की शुरुआत फिलहाल कर दी गई है. यह खाद पाउडर के रूप में विकसित किया जाएगा.
100 किलो कचरा से बनेगा 25 किलो खाद
उन्होंने बताया कि किचन और फूड वेस्ट से खाद बनाने की प्रक्रिया में हर्बल ट्रीटमेंट का उपयोग किया जाता है. कचरे को 150 से 200 डिग्री तापमान से गुजारा जाता है. गर्म हवा से कचरे की नवमी खत्म हो जाती है. उन्होंने कहा कि 100 किलो गीला कचरा डालने के बाद लगभग 25 किलो खाद बन जाएगा. मशीन को रखने के लिए भी ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती है उन्होंने बताया कि इस मशीन को कमर्शियल तरीके में भी उपयोग में लाया जा सकता है. खाद बनाने के बाद उसके वेस्ट से सारी नमी खत्म हो जाएगी और वह हानिकारक भी नहीं रहेगा.